झारखंड में मादक पदार्थों पर शिकंजा कसने पहुंचेगा केंद्र, 28 जुलाई को गृह सचिव का दौरा

झारखंड में नशे पर लगाम
Share Link

राज्य में बढ़ते नशा व्यापार और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्र की सख्त पहल, पुलिस और प्रशासन की तैयारियाँ अंतिम दौर में।

रांची, विशेष रिपोर्ट: राज्य में नशे के बढ़ते दुरुपयोग और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार और झारखंड में नशे पर लगाम लगाने के उद्देश्य से 28 जुलाई को केंद्रीय गृह सचिव झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे को सुरक्षा और प्रशासनिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। गृह सचिव राज्य में चल रहे नशा नियंत्रण कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रणनीति तय करेंगे।

Maa RamPyari Hospital

इस महत्वपूर्ण दौरे की तैयारियों को लेकर राज्य प्रशासन और पुलिस महकमा पूरी तरह सतर्क हो गया है। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इसको लेकर 22 जुलाई को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की सुरक्षा और खुफिया इकाइयों के अधिकारी हिस्सा लेंगे।

बैठक में शामिल होंगे ये विभाग:

whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

•स्पेशल ब्रांच
•मानवाधिकार इकाई
•सीआईडी
•डीआईजी, जैप (Jharkhand Armed Police)
•विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic Lab)
•एटीएस (Anti-Terrorism Squad)

यह बैठक दौरे के दौरान सुरक्षा और संवाद की रूपरेखा तय करने में अहम होगी। सभी एजेंसियों से जिला स्तर पर हुई कार्रवाई और आंकड़ों की रिपोर्ट मांगी गई है।

the-habitat-ad

मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक 23 जुलाई को:
दौरे की व्यवस्थाओं को लेकर 23 जुलाई को मुख्य सचिव द्वारा समग्र समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे। सभी तैयारियों को विभागवार अंतिम रूप देने पर बल दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गृह सचिव के आगमन से पूर्व सभी प्रशासनिक पहलू सशक्त और प्रभावी रूप में लागू हों।

RKDF

पृष्ठभूमि: पहले रद्द हो चुका है दौरा
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में केंद्रीय गृह सचिव का झारखंड दौरा प्रस्तावित था, लेकिन किसी कारणवश वह रद्द कर दिया गया था। इस बार केंद्र की प्राथमिकता स्पष्ट है—झारखंड में मादक पदार्थों की अवैध तस्करी और इसके सामाजिक प्रभाव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना।

बैठक के संभावित एजेंडे में शामिल होंगे ये मुद्दे:

  1. जिला स्तर पर नशा विरोधी अभियान की प्रगति रिपोर्ट
  2. अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ी बड़ी घटनाओं की जानकारी
  3. अंतरराज्यीय गिरोहों पर कार्रवाई की रणनीति
  4. युवाओं में नशे की प्रवृत्ति और सामाजिक प्रभाव का आंकलन
  5. नशा मुक्ति केंद्रों की स्थिति और क्षमता

राज्य में केंद्र की सक्रियता:
इस दौरे को केंद्र द्वारा राज्य में बढ़ती सामाजिक चुनौतियों पर सक्रिय भागीदारी के रूप में देखा जा रहा है। नशे के खिलाफ एकजुट लड़ाई में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

झारखंड में नशे पर लगाम, जहां युवाओं की बड़ी आबादी है, वहां नशे की समस्या न केवल सामाजिक बल्कि सुरक्षा का भी गंभीर मुद्दा बन चुकी है। 28 जुलाई का यह दौरा केवल एक प्रशासनिक दौरा नहीं, बल्कि राज्य में बेहतर सामाजिक व्यवस्था की ओर केंद्र का एक मजबूत संकेत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *