इंटरस्टेट शराब तस्करी में संलिप्तता का आरोप, पलामू एसपी ने एएसआई अभिमन्यु सिंह को किया निलंबित
चार लाख रुपये मांगने का हुआ खुलासा
पलामू: पलामू पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए सदर थाना क्षेत्र में तैनात एएसआई अभिमन्यु सिंह को निलंबित कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने इंटरस्टेट शराब तस्करी में न केवल सहयोग किया, बल्कि संबंधित वाहन मालिक से चार लाख रुपये की अवैध मांग भी करवाई। एसपी रीष्मा रमेशन ने जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई की, जिससे पूरे पुलिस विभाग में हलचल मच गई है।
लावारिस वाहन से शुरू हुई कहानी, एएसआई की भूमिका पर बढ़ा शक
सदर थाना क्षेत्र के जोरकट के पास गुरुवार सुबह एक वाहन लावारिस हालत में मिला था। पहले तो यह मामला एक सामान्य बरामदगी जैसा ही प्रतीत हुआ, लेकिन जांच के दौरान पुलिस को कई ऐसे तथ्य मिले, जिन्होंने एएसआई अभिमन्यु सिंह की भूमिका को संदिग्ध बना दिया। सूत्रों के अनुसार, इस वाहन की तस्वीर एएसआई ने खुद थाना प्रभारी लालजी को भेजी थी। थाना प्रभारी ने उन्हें मामले की जांच का निर्देश भी दिया था। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, कई अनियमितताएँ सामने आती गईं।
यूपी से मिली गुप्त सूचना ने खोला बड़ा राज
इसी बीच पलामू पुलिस को उत्तर प्रदेश से एक गोपनीय सूचना मिली। सूचना में दावा किया गया था कि जिस वाहन को पुलिस ने कब्जे में लिया है, उसे छुड़ाने के बदले चार लाख रुपये की मांग की जा रही है। सूचना मिलते ही एसपी ने तत्काल मामले को गंभीरता से लिया और सत्यापन का आदेश दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई में वाहन और उसके चालक को हिरासत में ले लिया गया। यहीं से इस मामले का असली खुलासा शुरू हुआ।
ड्राइवर ने किया बड़ा कबूलनामा—एएसआई अभिमन्यु सिंह करते थे मदद
हलफनामा और पूछताछ में वाहन चालक ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने स्वीकार किया कि एएसआई अभिमन्यु सिंह लंबे समय से यूपी–झारखंड के बीच चलने वाली शराब तस्करी में उनकी मदद कर रहे थे। चालक ने बताया कि गुरुवार को भी वे “पड़वा” इलाके से उक्त वाहन लेकर जोरकट पहुंचे थे, जहां एएसआई अभिमन्यु सिंह पहले से ही मौजूद थे। चालक के अनुसार, एएसआई ने उसे अपनी निजी गाड़ी में बैठाया और वाहन के मालिक से चार लाख रुपये की मांग की।
चालक को बताया गया कि यह रकम “स्थानीय लोगों के दबाव” पर मांगी जा रही है, लेकिन आगे की पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि रकम की मांग सीधे एएसआई अभिमन्यु की ओर से की गई थी।
सदर थाना पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर वाहन और चालक को पकड़ा
सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वाहन को जब्त किया और चालाक को हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ की। ड्राइवर के बयान और मोबाइल चैट/कॉल रिकॉर्ड के आधार पर एएसआई की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद अभिमन्यु सिंह को तलब कर उनसे पूछताछ की गई, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं रहे। पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी रीष्मा रमेशन ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया।
अतीत में भी विवादों में रहे हैं एएसआई अभिमन्यु सिंह
यह पहली बार नहीं है जब अभिमन्यु सिंह का नाम किसी विवाद में आया है। कुछ वर्षों पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे पुलिस की वर्दी में शराब पार्टी करते दिखाई दे रहे थे।उस समय भी उन्हें लाइन हाजिर किया गया था। यह पुराना रिकॉर्ड भी वर्तमान मामले में उनके खिलाफ भारी पड़ा।
इंटरस्टेट शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क—अभी और खुलासे होने की संभावना
पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह मामला केवल एक एएसआई की संलिप्तता तक सीमित नहीं है। शराब तस्करी का यह नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में सक्रिय है और इसमें कई स्थानीय एजेंट, ट्रांसपोर्टर और कथित रूप से कुछ पुलिस कर्मियों की भी अप्रत्यक्ष भूमिका हो सकती है। एसपी ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं।
पलामू पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उजागर किया बड़ा भ्रष्टाचार
पलामू एसपी द्वारा एएसआई अभिमन्यु सिंह का निलंबन यह दिखाता है कि विभाग शराब तस्करी जैसे गंभीर अपराधों को लेकर शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम कर रहा है। स्थानीय स्तर पर होने वाली अवैध गतिविधियाँ तभी रुक सकती हैं जब पुलिस कर्मियों के भीतर पारदर्शिता और ईमानदारी पर जोर दिया जाए।
इस कार्रवाई ने न केवल शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क का एक हिस्सा उजागर किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि किसी भी कर्मी की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।



