भुरकुंडा में दर्दनाक हादसा — कुएं में डूबने से पांच वर्षीय अंश की मौत, इलाके में पसरा मातम
रामगढ़: रामगढ़ जिले के भुरकुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत सयाल गांव में मंगलवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। सिर्फ पांच वर्षीय मासूम अंश कुमार, जो अपने परिवार का चिराग था, खेलते-खेलते कुएं में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
मृतक अंश कुमार, सयाल निवासी राकेश कुमार का बेटा था। घटना के बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि इलाके में मातम का माहौल है।
खोजबीन के दौरान हुआ हादसे का खुलासा
परिजनों के अनुसार, रविवार दोपहर अंश घर के आंगन में खेल रहा था। थोड़ी देर बाद जब परिवारवालों ने उसे आसपास नहीं देखा, तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। काफी देर तलाशने के बाद घर के पास स्थित पुराने कुएं में झांकने पर लोगों ने अंदर अंश को पड़ा देखा।
घबराहट में ग्रामीणों ने तुरंत रस्सी और बांस की मदद से बच्चे को कुएं से बाहर निकाला। लेकिन तब तक अंश बेहोश पड़ा था और उसकी सांसें धीमी हो चुकी थीं।

अस्पताल ले जाते वक्त टूटी उम्मीदें
घायल हालत में परिजन और स्थानीय लोग अंश को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पतरातू लेकर पहुंचे। डॉक्टरों की टीम ने काफी प्रयास किया, लेकिन बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी। इलाज के दौरान ही डॉक्टरों ने अंश कुमार को मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल परिसर में परिजनों के विलाप से हर कोई भावुक हो उठा। मां-बाप के आंसू और घर के दरवाज़े पर पसरा सन्नाटा दिल को झकझोर देने वाला दृश्य था।
इलाके में शोक की लहर — पूरे गांव में मातम का माहौल
घटना की खबर जैसे ही फैली, पूरा सयाल इलाका गमगीन हो गया। लोग बड़ी संख्या में राकेश कुमार के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश की। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी — “कितना प्यारा और चंचल बच्चा था अंश…”
ग्रामीणों ने बताया कि अंश हमेशा मुस्कुराता रहता था और मोहल्ले के हर बच्चे के साथ खेलता था। किसी ने कभी नहीं सोचा था कि खेलते-खेलते ऐसी अनहोनी हो जाएगी।
प्रशासन को दी गई सूचना — जांच में जुटी पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही भुरकुंडा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ सदर अस्पताल भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट रूप से दुर्घटनावश डूबने का मामला प्रतीत होता है।
फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना कर ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
ग्रामीणों ने जताई चिंता — खुले कुओं पर सुरक्षा इंतज़ाम की मांग
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि सभी खुले कुओं को सुरक्षित करने के लिए पक्की दीवार या ढक्कन की व्यवस्था की जाए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में कई पुराने और खुले कुएं हैं, जो छोटे बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं।
एक बुजुर्ग निवासी ने कहा —
“हर साल किसी न किसी बच्चे की ऐसी मौत होती है। प्रशासन को अब जागना चाहिए। अगर कुओं के चारों ओर जाली या सुरक्षा घेरा होता तो अंश आज जिंदा होता।”
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अंश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।
पिता राकेश कुमार मजदूरी करते हैं और किसी तरह घर का गुजारा चलाते हैं।
परिवार के लोगों ने बताया कि अंश घर का सबसे चंचल और होशियार बच्चा था, जो सभी का लाडला था।
अंश की मां का रो-रोकर हाल बेहाल है। वह बार-बार यही कह रही थीं —
“मेरे लाल को लौटाओ, वो तो बस खेल रहा था…”
यह शब्द सुनकर आसपास मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
समाज के लिए चेतावनी — सुरक्षा में लापरवाही न बरतें
अंश कुमार की यह दुखद मौत समाज के लिए एक चेतावनी है। गांवों और कस्बों में खुले कुएं, तालाब और जलाशय बच्चों के लिए गंभीर खतरा हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों दोनों को सतर्क रहना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को जल स्रोतों के पास खेलने से रोकना, कुएं पर जाली लगाना और आसपास सुरक्षा चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए।
मासूम अंश की मौत ने छोड़ा गहरा सवाल
सयाल की इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्यों अब भी ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी होती है। पांच वर्षीय अंश कुमार की यह असमय मौत सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि एक समाजिक चेतावनी है — कि जब तक हम सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेंगे, ऐसे हादसे मासूम ज़िंदगियों को यूं ही छीनते रहेंगे।



