बिहार में महिला सुरक्षा के लिए बनेगी अभया ब्रिगेड, रोमियो पर होगी सख्त कार्रवाई
बिहार: बिहार सरकार ने महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में लंबे समय से छेड़खानी और स्टॉकिंग की बढ़ती घटनाओं ने प्रशासन और समाज दोनों को चिंतित किया था। ऐसे माहौल में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने ऐलान किया कि बिहार पुलिस में एक विशेष दस्ता बनाया जाएगा—अभया ब्रिगेड, जिसका उद्देश्य होगा महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना और रोमियो व उत्पीड़कों पर तुरंत कार्रवाई करना।
सरकार का बड़ा निर्णय: अभया ब्रिगेड क्यों ज़रूरी हुई?
बिहार के कई जिलों में स्कूली छात्राओं और कॉलेजों में पढ़ने वाली युवतियों ने पिछले कुछ महीनों में शिकायत की थी कि वे सार्वजनिक स्थानों पर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। शहरों में कोचिंग हब और बाज़ारों के आसपास छेड़खानी की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस चिंता को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने महसूस किया कि महिला सुरक्षा को लेकर केवल पुलिस गश्त पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक समर्पित और प्रशिक्षित दस्ता चाहिए जो विशेष रूप से ऐसे अपराधों को रोके।
इसी विचार से अभया ब्रिगेड की नींव रखी गई, जिसका नाम भी आत्मविश्वास और सुरक्षा का संदेश देता है—अभय, यानी निर्भय।
सम्राट चौधरी का संदेश: “बिहार की बेटियाँ डरेंगी नहीं”
डिप्टी सीएम और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का उत्पीड़न अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रिगेड का मुख्य मिशन महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और रोमियो कहे जाने वाले उत्पीड़कों पर ऐसी कार्रवाई होगी जो दूसरों के लिए सख्त संदेश बने।
उन्होंने कहा, “बिहार की बेटियाँ अब डरकर घरों में नहीं बैठेंगी। अभया ब्रिगेड उन्हें आत्मविश्वास देगा और अपराधियों को सीधा संदेश देगा कि हर जगह पुलिस उनकी निगरानी में है।”
कैसे काम करेगी अभया ब्रिगेड: टीमों की तैनाती और निगरानी
अभया ब्रिगेड का संचालन पूरी तरह पुलिस विभाग के अधीन होगा, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली सामान्य पुलिसिंग से अलग होगी। ब्रिगेड की टीमें विशेष रूप से उन इलाकों में मौजूद रहेंगी जहाँ महिलाओं की आवाजाही ज्यादा होती है—स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, बाजार और बस स्टैंड।
इन टीमों में बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाएगा ताकि पीड़िताओं को सहजता महसूस हो और शिकायत दर्ज करने में झिझक न हो। कई टीमें सिविल ड्रेस में भी तैनात रहेंगी, ताकि अपराधियों को यह अंदाज़ा न लगे कि कौन पुलिसकर्मी है और कौन आम नागरिक।
युवतियों में बढ़ेगा भरोसा, पुलिस की छवि में भी सुधार
पिछले वर्षों में यह शिकायत बार-बार सामने आती रही कि महिलाएँ और छात्राएँ छेड़खानी की घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने में असहज महसूस करती हैं। अभया ब्रिगेड इस अवरोध को दूर करेगी क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य संवेदनशीलता के साथ त्वरित प्रतिक्रिया देना है।
सरकार का मानना है कि इस पहल से न सिर्फ महिलाओं का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा, बल्कि राज्य में सुरक्षा का समग्र वातावरण भी सुधरेगा। बिहार की छवि में एक सकारात्मक बदलाव दिखाई देगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ महिलाओं के लिए माहौल पहले भय और असुरक्षा से भरा रहता था।
अभया ब्रिगेड का प्रशिक्षण: आधुनिक तकनीक और संवेदनशीलता पर ज़ोर
अभया ब्रिगेड के लिए चयनित पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में आत्मरक्षा, त्वरित प्रतिक्रिया, भावनात्मक संभाल, साइबर अपराध की पहचान, सोशल मीडिया स्टॉकिंग और कानूनी जानकारी जैसे विषय शामिल होंगे। टीम को आधुनिक संचार उपकरण, बॉडी कैम और तेजी से कार्य करने वाली मोटर पेट्रोलिंग यूनिट उपलब्ध कराई जाएगी। सोशल मीडिया और तकनीकी माध्यमों का भी पास से उपयोग किया जाएगा ताकि शिकायतें तुरंत दर्ज की जा सकें और समाधान भी उतनी ही तेजी से मिले।
रोमियो और उत्पीड़कों को मिलेगी सख़्त चेतावनी
अभया ब्रिगेड के गठन के पीछे सबसे बड़ा मकसद यही है कि रोमियो और असामाजिक तत्वों को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि अब छेड़खानी की कोई घटना हल्की नहीं मानी जाएगी। तुरंत गिरफ्तारी, दंडात्मक कार्रवाई और कानूनी प्रक्रियाएँ सुनिश्चित की जाएँगी। अधिकारियों का मानना है कि शुरुआती महीनों में ही इस ब्रिगेड की कार्रवाई का बड़ा मनोवैज्ञानिक असर दिखेगा, जिससे अपराध में स्वतः कमी आएगी।
बिहार में महिला सुरक्षा का नया अध्याय शुरू
अभया ब्रिगेड का गठन बिहार में महिला सुरक्षा के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ है। यह पहल केवल कानून-व्यवस्था का सुधार नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक भी है। अगर यह ब्रिगेड प्रभावी ढंग से काम करती है, तो बिहार राज्य में महिलाओं की सुरक्षा का स्तर एक नई ऊँचाई पर पहुँचेगा और यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।



