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बिहार विधानसभा में प्रेम कुमार निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राजनीतिक हलचल तेज

Prem Kumar

पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन ने एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए वरिष्ठ बीजेपी विधायक डॉ. प्रेम कुमार को निर्विरोध नए विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना। सोमवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह पहले से ही स्पष्ट हो गया था कि अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य उम्मीदवार मैदान में नहीं है। मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सचिव ने निर्वाचन की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों और राज्यपाल के आदेश को सदन में पढ़कर सुनाया। इसके बाद सदन में मौजूद सभी दलों ने सर्वसम्मति से प्रेम कुमार के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

सदन में जब घोषणा की गई कि डॉ. प्रेम कुमार 18वें विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए हैं, तो पूरे सदन में मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया गया। एनडीए और विपक्ष के सभी विधायकों ने उन्हें बधाई दी। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रेम कुमार के नाम पर कुल चार प्रस्ताव दाखिल किए गए थे और सभी में सर्वसम्मति दिखी। इस प्रक्रिया में राजनीतिक मतभेदों की लाइनें धुंधली पड़ती दिखाई दीं और सदन ने एक स्वर में अपने नए अध्यक्ष को स्वीकार किया।

डॉ. प्रेम कुमार बिहार की राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। सात बार विधायक रह चुके प्रेम कुमार ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में मंत्री पद पर भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। प्रतिपक्ष और सत्ता पक्ष, दोनों ही उनके संसदीय अनुभव और शांत स्वभाव की सराहना करते हैं। यही कारण है कि उनके नाम पर चुनाव निर्विरोध संपन्न होना कहीं से भी आश्चर्यजनक नहीं था। माना जा रहा है कि विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में उनका अनुभव बेहद मददगार साबित होगा।

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इससे पहले सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ था। हालांकि कुछ विधायक उस दिन अनुपस्थित थे, जिनमें से छह विधायकों ने मंगलवार को शपथ लेकर सदन की सदस्यता ग्रहण कर ली। सदन में मौजूद विधायकों ने नए अध्यक्ष का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में विधानसभा की कार्यवाही निष्पक्ष, मर्यादित और प्रभावी तरीके से संचालित होगी।

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मोकामा विधान सभा सीट से जदयू विधायक अनंत सिंह फिलहाल जेल में बंद हैं, यही वजह है कि वे शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो सके। उन पर एक हत्या मामले में सुनवाई चल रही है, इसलिए उनके शपथ की प्रक्रिया आगे के दिनों में तय की जाएगी। इसी तरह अमरेंद्र पांडे भी लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही से अनुपस्थित रहे, जिससे उनके शपथ ग्रहण में देरी हो गई है। सदन के सचिवालय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि दोनों विधायकों की शपथ संबंधित संवैधानिक नियमों के अनुरूप बाद में कराई जाएगी।

विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने के साथ ही अब शीतकालीन सत्र की राजनीति और भी गर्म होने वाली है। पांच कार्यदिवसीय इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित है। विपक्ष राज्य सरकार को बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है, जबकि सरकार अपनी उपलब्धियों और विकास योजनाओं का रिपोर्ट कार्ड सदन में पेश करने के लिए रणनीति बना रही है। आठ दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश किया जाना है, जिसके मद्देनजर वित्त विभाग भी अपनी तैयारी पूरी कर चुका है।

कुल मिलाकर, दूसरे दिन का शीतकालीन सत्र अध्यक्ष के चुनाव के कारण राजनीतिक रूप से काफी अहम साबित हुआ। प्रेम कुमार का निर्विरोध चुनाव विधानसभा में नई शुरुआत का संकेत माना जा रहा है, जहां उम्मीद की जा रही है कि सत्ता और विपक्ष दोनों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और सदन सुचारू रूप से चलेगा। अगले तीन दिनों में सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिन पर राज्य की राजनीतिक दिशा काफी हद तक निर्भर करेगी।

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