पीडीएस दुकानदारों का फूटा गुस्सा, बोकारो में सरकार को दी चेतावनी

कमीशन बकाया और केवाईसी में शोषण से तंग दुकानदारों का एकजुट प्रदर्शन, बोले – सरकार बनाए हैं तो गिराना भी जानते हैं
बोकारो: बोकारो जिले के 1600 से अधिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानदारों ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन के बैनर तले सभी डीलरों ने एकजुट होकर सोमवार को बोकारो डीसी ऑफिस के पास जोरदार धरना प्रदर्शन किया। उनकी मांगें हैं – एक साल से लंबित कमीशन राशि का भुगतान और केवाईसी प्रक्रिया के नाम पर हो रहे उत्पीड़न पर तत्काल रोक।

एक साल से नहीं मिला मेहनताना, डीलर बोले – अब पानी सिर के ऊपर
डीलरों का आरोप है कि राज्य सरकार उन्हें एक साल से उनका विधिवत पारिश्रमिक नहीं दे रही, जिससे उनकी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पीडीएस दुकानों के जरिए पूरे राज्य के गरीबों तक राशन पहुंचाने वाले ये डीलर खुद भुखमरी के कगार पर हैं।

हरिनंदन सिंह, जिला अध्यक्ष, फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन ने कहा:
“राज्य सरकार के किसी भी विभाग में ऐसा उदाहरण नहीं मिलेगा जहाँ एक साल तक बकाया हो, लेकिन हम पीडीएस दुकानदारों का मेहनताना साल भर से अटका पड़ा है। अब हम चेतावनी दे रहे हैं – यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे।”
‘राजतंत्र जैसा बर्ताव’, लोकतंत्र में तानाशाही का आरोप
धरने के दौरान कई डीलरों ने अपने गुस्से और व्यथा को तीखे शब्दों में जाहिर किया। उनका कहना था कि वे जनतांत्रिक सरकार के अधीन रहते हुए भी लोकतंत्र का लाभ नहीं पा रहे, बल्कि उन्हें राजतंत्र की तरह दमन और शोषण झेलना पड़ रहा है।

पीडीएस डीलर कृष्णा साव ने कहा:
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“हम खुद राशन बांटते हैं, लेकिन घर में चूल्हा नहीं जलता। राज्य सरकार की बेरुखी ने हमें मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से तोड़ दिया है।”
केवाईसी का नाम लेकर की जा रही है वसूली
डीलरों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार और संबंधित विभागों द्वारा केवाईसी के नाम पर अनावश्यक तकनीकी अड़चनें और प्रशासनिक दबाव बनाया जा रहा है। छोटी-छोटी गलतियों पर कार्रवाई की धमकियां दी जाती हैं और फाइलों को अटका दिया जाता है।
एक डीलर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:
“आधार लिंक, केवाईसी वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रियाओं को इतना जटिल बना दिया गया है कि अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे डीलर प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। इसकी आड़ में अधिकारी वसूली भी करते हैं।”
आंदोलन को मिल रहा व्यापक समर्थन
इस एकदिवसीय धरने ने प्रशासन को भी चौंका दिया। जिले के अधिकांश पीडीएस दुकानदारों की एकजुटता और तीखी भाषा ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की गई, तो आने वाले दिनों में बड़े राज्यव्यापी आंदोलन की भूमिका तैयार है।
डीलरों ने कहा कि उन्हें अब कोई आश्वासन नहीं चाहिए, बल्कि सीधी कार्रवाई और भुगतान चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो डीलर अपनी दुकानें बंद करने से लेकर आपूर्ति व्यवस्था ठप करने तक के निर्णय ले सकते हैं।

प्रशासन की ओर से जवाब का इंतजार
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से किसी स्पष्ट जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है। हालांकि सूत्रों की मानें तो राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही भुगतान से संबंधित फाइलों की समीक्षा की जा सकती है।
उपेक्षा और उत्पीड़न का जवाब अब सड़कों से मिलेगा
पीडीएस डीलरों का यह गुस्सा केवल उनका नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीब उपभोक्ताओं तक राशन वितरण की आधारशिला रखने वाले तंत्र की आहट है। अगर सरकार ने इसे अनसुना किया, तो इसका असर राज्य की आपूर्ति श्रृंखला से लेकर राजनीतिक समीकरणों तक दिख सकता है।
सरकार के पास अब दो ही विकल्प हैं – या तो डीलरों की मांगों पर अमल करे, या एक बड़े आंदोलन को आमंत्रण दे।
बोकारो से विशेष रिपोर्ट – नीरज सिंह, मुनादी लाइव