भविष्य निर्माण की दिशा में प्रेरक कदम — श्री कृष्ण विद्या मंदिर में हुआ करियर काउंसलिंग सत्र
रामगढ़ से मुकेश सिंह: श्री कृष्ण विद्या मंदिर में विद्यार्थियों के भविष्य को दिशा देने और करियर निर्माण में सहायक बनने के उद्देश्य से स्काई हाई एजुकेशनल सर्विसेज के तत्वावधान में एक प्रेरणादायक करियर काउंसलिंग सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए किया गया, जिसमें सैकड़ों छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विद्यालय के प्राचार्य एम. कृष्णा चंद्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों को न केवल करियर के विकल्पों से अवगत कराते हैं, बल्कि उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों को स्पष्ट करने में भी सहायता करते हैं।
मुख्य वक्ता डॉ. मनोज सिंह ने दिया “सफलता का मंत्र”
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में कलिंगा विश्वविद्यालय (छत्तीसगढ़) के जंतुशास्त्र विभाग के प्रसिद्ध प्रोफेसर डॉ. मनोज सिंह उपस्थित थे। अपने प्रभावशाली और प्रेरणादायक उद्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को करियर से जुड़े विविध आयामों, आधुनिक अवसरों और बदलते पेशेवर परिदृश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा —
“आज के युग में केवल पारंपरिक करियर विकल्पों तक सीमित रहना पर्याप्त नहीं है।
अब समय है कि छात्र अपने भीतर की प्रतिभा और रुचि के अनुसार नए और उभरते क्षेत्रों में कदम बढ़ाएँ।”
डॉ. सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि बायोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण विज्ञान, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रिसर्च सेक्टर जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला युग ज्ञान, नवाचार और तकनीकी दक्षता पर आधारित होगा, इसलिए छात्रों को अपने निर्णय “रुचि और योग्यता” के संतुलन पर लेने चाहिए।

“सफलता परीक्षा से नहीं, दृष्टिकोण से तय होती है” — डॉ. सिंह
डॉ. मनोज सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता किसी एक परीक्षा से नहीं बल्कि निरंतर प्रयास, आत्मविश्वास और सही निर्णय क्षमता से तय होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया —
“अपने सपनों पर विश्वास रखें, अपनी क्षमताओं को पहचानें और हार से डरें नहीं। सही दिशा और दृढ़ निश्चय ही आपको आपकी मंज़िल तक पहुंचाएगा।”
उनका यह वक्तव्य छात्रों के लिए न केवल प्रेरणादायी बल्कि जीवन दर्शन से भरपूर रहा।
विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का हुआ समाधान
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे — जैसे कि करियर चयन में माता-पिता की भूमिका, सरकारी बनाम निजी क्षेत्र के अवसर, और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के फायदे। डॉ. सिंह ने सभी प्रश्नों के उत्तर वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से दिए। उनके उत्तरों ने छात्रों के मन में जमी कई भ्रांतियों को दूर किया और उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया।
विद्यालय परिसर में पूरे समय एक प्रेरक, संवादात्मक और उत्साहपूर्ण वातावरण बना रहा। छात्रों ने कहा कि यह सत्र उनके जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव रहा, जिसने करियर को लेकर उनकी सोच को व्यापक बना दिया।

विद्यालय प्रबंधन ने जताया आभार
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय प्रबंधन के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल (अधिवक्ता) ने मुख्य वक्ता डॉ. मनोज सिंह और आयोजक संस्था स्काई हाई एजुकेशनल सर्विसेज का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा — इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करते हैं। यह केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि दिशा और प्रेरणा देने का माध्यम भी हैं।
उन्होंने विद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई कि भविष्य में भी इस प्रकार के करियर-उन्मुख और कौशल-विकास कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जाएगा।
“सशक्त छात्र, सशक्त राष्ट्र” — शिक्षा से जागरूकता की ओर
इस करियर काउंसलिंग सत्र ने विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि सफलता का रास्ता किसी एक दिशा तक सीमित नहीं होता।
हर छात्र के भीतर एक विशिष्ट क्षमता होती है, जिसे सही मार्गदर्शन से पहचानना और निखारना आवश्यक है।
डॉ. सिंह के प्रेरक शब्दों ने यह स्पष्ट किया कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन में सही चुनाव करने की कला है। कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों और शिक्षकों के सामूहिक आभार और उत्साह के साथ हुआ।



