इंडिगो संकट पर DGCA सख्त, CEO पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ान सेवाओं में पिछले कई दिनों से जारी अव्यवस्था को लेकर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त रुख अपनाया है। DGCA ने इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स और एयरलाइन के अकाउंटेबल मैनेजर सह चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) इसिड्रो पोरक्वेरस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नियामक ने दोनों अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर जवाब तलब किया है।
DGCA ने नोटिस में इंडिगो की सेवाओं में आई भारी रुकावटों को गंभीर ऑपरेशनल विफलता करार दिया है। रेगुलेटर का कहना है कि बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी यह दर्शाती है कि एयरलाइन की प्लानिंग, निरीक्षण और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक हुई है।
“भरोसेमंद संचालन सुनिश्चित करने में नाकामी” — DGCA
DGCA द्वारा CEO पीटर एल्बर्स को भेजे गए नोटिस में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इंडिगो के सीईओ के तौर पर वे एयरलाइन के संपूर्ण प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। नोटिस में लिखा गया है कि एल्बर्स समय रहते भरोसेमंद ऑपरेशन के लिए आवश्यक इंतजाम करने और यात्रियों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं।
वहीं, अकाउंटेबल मैनेजर के रूप में इसिड्रो पोरक्वेरस की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना थी कि एयरलाइन सभी नियामकीय मानकों और परिचालन आवश्यकताओं का पालन करे, लेकिन मौजूदा हालात ने उनकी भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पांच दिनों में सैकड़ों उड़ानें रद्द, हजारों यात्री प्रभावित
पांच से छह दिनों में इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द हुई हैं, जबकि कई फ्लाइट्स घंटों की देरी से संचालित की गईं। इसका सीधा असर देशभर में हजारों यात्रियों पर पड़ा है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्री घंटों फंसे नजर आए। कई यात्रियों को न तो समय पर वैकल्पिक उड़ान मुहैया कराई गई और न ही भोजन, होटल या अन्य आवश्यक सुविधाएं ठीक से दी गईं।
यात्रियों की परेशानी इस कदर बढ़ी कि सोशल मीडिया पर भारी नाराजगी देखने को मिली। कई लोगों ने इंडिगो पर यात्रियों की अनदेखी और खराब प्रबंधन के आरोप लगाए।
टिकट किराए में उछाल, सरकार तक पहुंचा मामला
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद अन्य एयरलाइनों पर यात्रियों का दबाव बढ़ गया, जिससे कई रूट्स पर टिकट के दाम अचानक बढ़ गए। अंतिम समय में टिकट बुक करने वालों को कई गुना ज्यादा किराया चुकाना पड़ा। इस मुद्दे ने राजनीतिक रूप भी ले लिया और हवाई किराए में बेतहाशा वृद्धि का मामला संसद तक पहुंचा। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप करते हुए एयरलाइनों को किराया सीमा का पालन करने के निर्देश दिए थे।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन, फिर भी व्यवस्था चरमराई
इंडिगो देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है और रोजाना सैकड़ों उड़ानों का परिचालन करती है। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल फेलियर ने DGCA को भी हैरान किया है। सूत्रों के मुताबिक, इंडिगो ने फ्लाइट कैंसिलेशन के पीछे क्रू रोस्टरिंग नियम, सीमित स्टाफ और तकनीकी समस्याओं का हवाला दिया है, लेकिन DGCA का मानना है कि एक बड़ी एयरलाइन से इस स्तर की तैयारी और बेहतर संकट प्रबंधन की उम्मीद की जाती है।
24 घंटे में जवाब, आगे और कार्रवाई संभव
DGCA ने साफ कर दिया है कि यदि इंडिगो के नेतृत्व की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो आगे कड़ी नियामकीय कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना, संचालन पर अतिरिक्त पाबंदियां या अन्य दंडात्मक कदम शामिल हो सकते हैं।फिलहाल पूरे एविएशन सेक्टर की नजर इंडिगो के जवाब पर टिकी हुई है। यह मामला केवल एक एयरलाइन की नहीं, बल्कि दे श के नागरिक विमानन तंत्र की विश्वसनीयता और यात्रियों के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ माना जा रहा है।
इंडिगो संकट पर DGCA की सख्ती यह संकेत देती है कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और भरोसेमंद संचालन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि इंडिगो प्रबंधन इस नोटिस पर क्या जवाब देता है और क्या आने वाले दिनों में उड़ान सेवाएं पूरी तरह पटरी पर लौट पाती हैं या नहीं।



