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इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द, हवाई किराए में उछाल; केंद्र सरकार ने एयरलाइनों को लगाई लगाम

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नई दिल्ली: इंडिगो एयरलाइंस की सेवाओं में बड़े स्तर पर आई बाधा का सीधा असर देशभर के हवाई यात्रियों पर देखने को मिला है। शनिवार को इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द होने के बाद हवाई किराए में अचानक तेज उछाल आ गया। बड़ी संख्या में यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों की तलाश करनी पड़ी, जिसका फायदा उठाते हुए कुछ एयरलाइंस द्वारा मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने की शिकायतें सामने आईं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तत्काल हस्तक्षेप किया और एयरलाइंस को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों से तय सीमा से अधिक किराया नहीं लिया जा सकता। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा संकट के समय एयरलाइंस का दायित्व और भी बढ़ जाता है और यात्रियों का शोषण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल, यात्रियों को ढूंढने पड़े विकल्प
शनिवार को इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानें परिचालन कारणों से रद्द कर दी गईं। इनमें देश के प्रमुख एयर रूट्स शामिल थे। अचानक हुए इन रद्दीकरणों से हजारों यात्री प्रभावित हुए और उन्हें दूसरे विमानन कंपनियों की ओर रुख करना पड़ा। बाजार में मांग अचानक बढ़ने के कारण कई रूट्स पर हवाई किराया सामान्य से कई गुना तक पहुंच गया। यात्रियों ने सोशल मीडिया के जरिये आरोप लगाया कि कुछ एयरलाइंस ने इस स्थिति का फायदा उठाकर अत्यधिक किराया वसूला।

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हवाई किराए में अंधाधुंध बढ़ोतरी पर भड़का मंत्रालय
यात्रियों की लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तुरंत संज्ञान लिया। मंत्रालय ने माना कि फ्लाइट कैंसिलेशन के बाद उत्पन्न हालात में कुछ एयरलाइंस ने किराया निर्धारण में संतुलन नहीं रखा। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सभी एयरलाइंस को मौजूदा परिस्थितियों में यात्रियों के हितों को प्राथमिकता देनी होगी। इसी क्रम में मंत्रालय ने नियामकीय अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए प्रभावित रूट्स पर किराए की ऊपरी सीमा लागू कर दी।

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एयरलाइंस को सख्त निर्देश: तय लिमिट से ज्यादा किराया नहीं
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी घरेलू विमानन कंपनियों को आधिकारिक निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि वे सरकार द्वारा तय हवाई किराया सीमा का सख्ती से पालन करें। मंत्रालय के अनुसार, यह किराया सीमा अस्थायी रूप से लागू की गई है और तब तक प्रभावी रहेगी जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती और इंडिगो की उड़ानें नियमित रूप से बहाल नहीं हो जातीं।

सरकारी बयान में यह भी कहा गया कि यदि किसी एयरलाइन द्वारा तय सीमा से अधिक किराया वसूलने की शिकायत सही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

यात्रियों को राहत देने की कोशिश, निगरानी तेज
सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन यात्रियों को राहत देना है, जो अचानक फ्लाइट कैंसिल होने के बाद मजबूरी में महंगे टिकट खरीदने को विवश हो रहे थे। मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूट्स पर किराए की निगरानी बढ़ा दी है और एयरलाइंस से नियमित रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। एविएशन सेक्टर से जुड़े जानकारों का कहना है कि मांग-आपूर्ति के असंतुलन में किराया बढ़ना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन आपात स्थिति में सरकार का हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है ताकि यात्रियों का शोषण न हो।

इंडिगो संकट का व्यापक असर
इंडिगो देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है और उसकी उड़ानों के कैंसिल होने का असर पूरे एविएशन नेटवर्क पर पड़ता है। इंडिगो के साथ-साथ अन्य एयरलाइंस पर भी अतिरिक्त यात्री दबाव बढ़ा है, जिससे संचालन चुनौतीपूर्ण हो गया है।विशेषज्ञों के अनुसार, यदि स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो आगे भी उड़ानों के शेड्यूल और किराए को लेकर अस्थिरता बनी रह सकती है। हालांकि मंत्रालय का दावा है कि वह लगातार हालात की समीक्षा कर रहा है।

पहले भी सरकार कर चुकी है हस्तक्षेप
यह पहली बार नहीं है जब सरकार को हवाई किराए में बढ़ोतरी के मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा हो। इससे पहले भी कोविड काल, प्राकृतिक आपदाओं और त्योहारों के दौरान अत्यधिक किराया वसूली पर सरकार ने नियामकीय कदम उठाए थे। सरकार का रुख हमेशा यही रहा है कि एविएशन सेक्टर बाजार आधारित जरूर रहे, लेकिन यात्रियों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से उपजा यह संकट सरकार और एयरलाइंस—दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है। एक ओर परिचालन संबंधी दिक्कतें हैं, तो दूसरी ओर यात्रियों का भरोसा बनाए रखना भी जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा किराए की सीमा तय करना यात्रियों के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि एयरलाइंस इन निर्देशों का कितनी सख्ती से पालन करती हैं और स्थिति को सामान्य होने में कितना सामान्य होने में कितना समय लगता है। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे टिकट बुक करने से पहले किराए की तुलना करें और किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत संबंधित प्लेटफॉर्म या मंत्रालय तक पहुंचाएं।

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