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मोदी–पुतिन प्रेस कॉन्फ्रेंस: भारत को निर्बाध तेल सप्लाई जारी रखने का आश्वासन

India Russia Relations

रूसी नागरिकों को मिलेगा 30 दिनों का फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा


नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों ने कई आर्थिक, रणनीतिक और वैश्विक मुद्दों पर एक नई ऊर्जा के साथ अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

बैठक के केंद्र में ऊर्जा सहयोग, व्यापार व्यवस्था, वैश्विक शांति, आतंकवाद विरोधी रणनीति और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के उपाय प्रमुख रहे। इस दौरान दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर भारत–रूस की दीर्घकालिक साझेदारी को “ध्रुव तारे” की तरह स्थिर और अडिग बताया।

भारत-रूस दोस्ती ध्रुव तारे की तरह चमकती रही: प्रधानमंत्री मोदी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में मानवता ने कई गम्भीर संकटों का सामना किया है—युद्ध, महामारियां, आर्थिक अस्थिरता और वैश्विक तनाव। इसके बावजूद भारत और रूस के रिश्तों ने हर चुनौती को झेला और समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा।

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मोदी ने पुतिन के प्रति व्यक्तिगत रूप से भी आभार जताया और कहा—
“राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के प्रति हमेशा गहरी मित्रता और अटूट विश्वास दिखाया है। यह संबंध वर्षों से वैश्विक राजनीति के उतार-चढ़ाव में भी मजबूती से कायम है।”

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रूस भारत को निर्बाध तेल सप्लाई जारी रखेगा—पुतिन
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को “तेजी से उभरती आर्थिक शक्ति” बताते हुए कहा कि रूस भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घोषणा की कि रूस भारत को अबाधित रूप से कच्चे तेल की सप्लाई जारी रखेगा। पुतिन ने यह भी बताया कि दोनों देश वाणिज्यिक लेनदेन में रुपया–रूबल तंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों या वैश्विक अस्थिरताओं का व्यापार पर कोई असर न पड़े।

रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के महत्वपूर्ण बिंदुओं में एक बड़ा ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि भारत रूसी नागरिकों को 30 दिनों का फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा उपलब्ध कराएगा।

इसके अलावा 30 दिनों का ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा भी लागू किया जाएगा। यह निर्णय न केवल दोनों देशों के सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा, बल्कि व्यापार और निजी संपर्क को भी मजबूती देगा। मोदी ने काल्मिकिया (रूस) में हुए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध फोरम में भारतीय अवशेषों के दर्शन के लिए पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत–रूस के सांस्कृतिक संबंध अत्यंत गहरे और ऐतिहासिक हैं।

आतंकवाद पर भारत और रूस की एकजुटता
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता पर सीधा आक्रमण बताया और कहा कि भारत और रूस लम्बे समय से आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS, SCO सहित सभी वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एक साझा दृष्टिकोण रखते हैं। उनके अनुसार, वैश्विक सुरक्षा पर तेजी से बढ़ते खतरों के बीच भारत–रूस की सुरक्षा साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ FTA पर प्रगति
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी ने एक और अहम बात कही।
उन्होंने बताया कि भारत यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के अंतिम चरणों की ओर बढ़ रहा है। इससे भारत को न केवल रूस बल्कि कई अन्य मध्य-एशियाई देशों के साथ व्यापार विस्तार का अवसर मिलेगा।
दोनों देशों ने इस दिशा में सकारात्मक प्रगति पर संतोष जताया।

यूक्रेन युद्ध पर भारत का स्पष्ट संदेश—शांति का रास्ता ही समाधान
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेन संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हमेशा से शांति और संवाद का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा—
“भारत इस समस्या के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के हर प्रयास का स्वागत करता है। युद्ध समाधान नहीं दे सकता, संवाद ही आगे का रास्ता है।”

मोदी ने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत किसी भी संघर्ष में मध्यस्थता का मंच उपलब्ध कराने को तैयार है, बशर्ते दोनों पक्ष तैयार हों।

पुतिन का धन्यवाद, भारत–रूस संबंधों पर भरोसा
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूस का संबंध “विश्वास, सम्मान और रणनीतिक सहयोग” पर आधारित है।दोनों नेताओं की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं, और भारत–रूस साझेदारी दोनों देशों के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा भारत–रूस संबंध
मोदी–पुतिन प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भारत–रूस संबंधों को एक नई दिशा दी है— ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, पर्यटन, वैश्विक शांति और सामरिक साझेदारी से जुड़ी कई अहम घोषणाएँ इस बैठक को ऐतिहासिक बनाती हैं। भारत को तेल आपूर्ति जारी रखने का रूस का वादा ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देता है, जबकि फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा लोगों के बीच बढ़ते संपर्क का नया अध्याय खोलेगा। अगले वर्षों में यह साझेदारी वैश्विक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच एक स्थिर और मजबूत ध्रुव साबित हो सकती है।

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