प्रदर्शनकारियों ने पीएम केपी ओली के आवास में लगाई आग, कर्फ्यू के बावजूद हिंसा तेज

काठमांडू में सेना तैनात, त्रिभुवन एयरपोर्ट बंद, सरकार के खिलाफ उबाल पर जनता
नेपाल इन दिनों गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन अब हिंसक जनविद्रोह का रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू, ललितपुर और भक्तापुर में दूसरे दिन भी सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सरकार को कर्फ्यू लागू करना पड़ा, लेकिन गुस्साई भीड़ ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवास और पार्टी ऑफिस में आग लगा दी।

मंत्री इस्तीफे और पीएम पर दबाव
इस बीच, नेपाली गृह मंत्री रमेश लेखक और कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, हालात को देखते हुए पीएम ओली पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है। यहां तक कि उनके देश छोड़कर भागने की भी चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।
विपक्ष और स्थानीय नेताओं के हमले
विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पीएम से इस्तीफे की मांग तेज कर दी है। काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने तो सीधे प्रधानमंत्री को “आतंकवादी” तक कह डाला।
हालात हुए बेकाबू
प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ प्रधानमंत्री के आवास बल्कि पार्टी दफ्तर और कई सरकारी भवनों को भी निशाना बनाया। तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। संसद भवन के पास हजारों प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं।
मौतों का सिलसिला
बीते दिन हुए प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल बताए जा रहे हैं। अस्पतालों में घायल प्रदर्शनकारियों का इलाज चल रहा है और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

सेना की तैनाती और एयरपोर्ट बंद
हिंसा को काबू करने के लिए सरकार ने सेना को सड़कों पर उतार दिया है। काठमांडू स्थित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। राजधानी और आसपास के जिलों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

गुस्से की वजह
नेपाल की जनता लंबे समय से सरकार के भ्रष्टाचार और तानाशाही फैसलों से नाराज है। हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने युवाओं के गुस्से को और भड़का दिया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जनरेशन Z और छात्र शामिल हो रहे हैं, जिन्होंने आंदोलन को तेज कर दिया है।
तख्तापलट की आहट
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि नेपाल में तख्तापलट जैसी स्थिति बन रही है। अगर पीएम ओली इस्तीफा नहीं देते तो हिंसा और उग्र हो सकती है।