नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आज, स्पीकर पर मुहर से विधानसभा सत्र तक कई बड़े फैसलों की उम्मीद
नई सरकार की पहली औपचारिक शुरुआत
बिहार: बिहार में नई नीतीश कुमार–नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने शपथ लेने के बाद अब आज अपनी पहली कैबिनेट बैठक बुलायी है। यह बैठक राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसी के साथ नई सरकार की कार्यशैली, प्राथमिकताएँ और शुरुआती कदम तय होंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय में होने वाली इस बैठक पर नज़र पूरे राज्य की राजनीतिक हलचल लगाए हुए है।
स्पीकर के चयन पर हो सकती है मुहर
इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा बिहार विधानसभा के नए स्पीकर के चयन पर निर्णय माना जा रहा है। नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व के बीच पिछले दो दिनों से लगातार बैठकों का दौर जारी है। माना जा रहा है कि एनडीए ने स्पीकर पद के लिए भाजपा के एक वरिष्ठ और अनुभवयुक्त विधायक को अंतिम रूप दे दिया है। कैबिनेट बैठक में इस नाम को मंजूरी मिलते ही विधानसभा सचिवालय को इसकी आधिकारिक जानकारी भेजी जा सकती है।
विधानसभा सत्र की घोषणा भी संभव
पहली कैबिनेट बैठक में नई सरकार को विधानसभा के विश्वास मत के लिए सदन का विशेष सत्र बुलाना होगा। सूत्रों के अनुसार, दो या तीन दिनों की अवधि के भीतर विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय आज की बैठक में लिया जा सकता है। नई सरकार के गठन के बाद संविधाननुसार जल्द से जल्द सदन का आह्वान करना अनिवार्य होता है।
विकास योजनाओं की समीक्षा और नई प्राथमिकताएँ
सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार कैबिनेट की पहली बैठक में विकास योजनाओं की स्थिति पर विभागों से प्राथमिक रिपोर्ट ले सकते हैं। पिछली सरकार में अधूरे रह गए कार्य, सड़क–इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा—स्वास्थ्य और जल–जीवन–हरियाली मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा प्रारंभिक चरण में रखी जाएगी। नीतीश कुमार पिछले कई कार्यकालों की तरह इस बार भी सुशासन और बुनियादी ढांचे पर जोर देने की तैयारी में हैं।
कानून-व्यवस्था पर विशेष फोकस
बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी दोनों ने यह स्पष्ट किया है कि अपराध और भ्रष्टाचार पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति जारी रहेगी। बिहार में चुनाव से पहले और बाद में हुई कई बड़ी आपराधिक घटनाओं को देखते हुए कैबिनेट बैठक में पुलिस–प्रशासन को मजबूत निर्देश जारी होने की संभावना है। विशेषकर पटना, बेगूसराय, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने पर जोर दिया जा सकता है।
नए मंत्रियों को विभाग आवंटन का रास्ता साफ
शपथ ग्रहण के बाद कई मंत्रियों को अभी तक विभाग आवंटित नहीं हुए हैं। कैबिनेट बैठक के बाद नीतीश कुमार विभागों के आवंटन पर भी अंतिम निर्णय ले सकते हैं। इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, ऐसे में विभाग वितरण पर उसके हिस्से में अधिक अहम मंत्रालय आने की संभावना है। जेडीयू अपने पारंपरिक विभाग—शिक्षा, जल संसाधन और ग्रामीण विकास—पर फोकस करने की तैयारी में है।
महंगाई और बेरोजगारी पर राहत भरे फैसले भी संभव
इसी बैठक में आम जनता से जुड़े मुद्दों पर कुछ राहतकारी कदमों की घोषणा की जा सकती है। महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनाव अभियान के दौरान एनडीए ने कई वादे किए थे। विशेषकर युवाओं के लिए कौशल विकास योजनाओं और उद्योग निवेश बढ़ाने का प्रारंभिक खाका भी आज की बैठक में प्रस्तुत हो सकता है।
सियासी तौर पर भी अहम है यह बैठक
नीतीश कुमार का यह रिकॉर्ड 10वाँ कार्यकाल है और पहली कैबिनेट बैठक उनकी सरकार की स्थिरता का संकेत भी मानी जाती है। एनडीए के भीतर जेडीयू, भाजपा, HAM और लोजपा (RV) की एकजुटता का संदेश भी इस बैठक से बाहर आएगा।



