“ऑपरेशन सिंदूर” नारी शक्ति, सैन्य पराक्रम और निर्णायक नेतृत्व का अद्वितीय संगम: सांसद मनीष जायसवाल

हजारीबाग : पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिनों के भीतर भारत द्वारा अंजाम दिए गए “ऑपरेशन सिंदूर” ने देश की सैन्य क्षमता, रणनीतिक सोच और नारी शक्ति के त्रिवेणी संगम को दर्शाया है। हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से सांसद मनीष जायसवाल ने इस ऐतिहासिक कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत की अस्मिता का भावनात्मक और निर्णायक उत्तर बताया।

“यह केवल ऑपरेशन नहीं, भावनात्मक प्रतिकार है” – मनीष जायसवाल
सांसद जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य जवाब नहीं है, बल्कि भारत माता के आँचल को लाल करने की साजिश के विरुद्ध एक करारा प्रहार है। उन्होंने कहा:
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“यह ऑपरेशन उन वीर नारियों को समर्पित है जिनके माथे से सिंदूर मिटा। अब भारत आँसू नहीं, प्रतिकार करता है — वह भी दुश्मन की जमीन पर जाकर।”
सीमाओं के पार जाकर दुश्मन को दिया जवाब


श्री जायसवाल ने खास तौर पर इस बात को रेखांकित किया कि भारत की यह कार्रवाई केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं रही। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर घुसकर स्ट्राइक की और यह संदेश दे दिया कि अब भारत खतरे को सीमा पर नहीं, उसकी जड़ में जाकर खत्म करेगा।
“यह केवल हथियारों की नहीं, साहस, अनुशासन और मातृभूमि के प्रति समर्पण की लड़ाई थी। हमारी सेना ने फिर साबित कर दिया कि वह अद्वितीय है।”
नारी शक्ति का अभूतपूर्व उदय
सांसद ने गर्व के साथ इस बात का उल्लेख किया कि ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व दो महिला सैन्य अधिकारियों ने किया, जो भारतीय सशस्त्र बलों में नारी शक्ति के उभार का प्रतीक है। उन्होंने कहा:
“यह केवल ऑपरेशन सिंदूर नहीं, बल्कि भारत की बेटियों का विजय घोष है। हमारी बेटियाँ अब सीमाओं की रक्षक ही नहीं, बल्कि शत्रु की सीमा लांघकर इतिहास रचने वाली योद्धाएँ बन चुकी हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा
श्री जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की और कहा कि यह ऑपरेशन उनकी स्पष्ट रणनीति, त्वरित निर्णय क्षमता और वैश्विक मंच पर भारत को मजबूत करने की नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा:
“श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्पष्ट कर दिया है — अब आतंक के खिलाफ जवाब वक्त का इंतजार नहीं करेगा, वह कार्रवाई का रूप लेगा।”
“ऑपरेशन सिंदूर” अब केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान, नारी शक्ति और रणनीतिक प्रभुत्व का प्रतीक बन चुका है। सांसद मनीष जायसवाल का यह बयान भारत के हर नागरिक की भावना को शब्द देता है — अब भारत सहन नहीं करता, संकल्प करता है, और संकल्प सिद्ध भी करता है।