पीडीएमसी योजना में भ्रष्टाचार? घटिया उपकरण आपूर्ति और CIPET रिपोर्ट की अनदेखी पर गंभीर सवाल : अजय सिंह
रांची : झारखंड में पीडीएमसी (PDMC) योजना के तहत किसानों को घटिया गुणवत्ता वाले उपकरण देने और सीआईपीईटी (CIPET) की जांच रिपोर्ट की अनदेखी कर 12 ब्लैकलिस्ट कंपनियों को दोबारा कार्य देने का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। इस मामले पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सह जिला सचिव अजय सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कृषि विभाग पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया।
अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड का दावा करते हैं, लेकिन कृषि विभाग के कुछ अधिकारी उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण योजनाओं में पारदर्शिता नहीं दिख रही।
CIPET जांच में नॉन-स्टैंडर्ड पाई गई थीं सामग्रियाँ
अजय सिंह ने बताया कि वर्ष 2023 में कृषि विभाग ने सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में उपयोग हो रहे प्लास्टिक उत्पादों की गुणवत्ता की जांच का कार्य CIPET को दिया था। रैंडम टेस्टिंग में कई कंपनियों के उत्पाद नॉन-स्टैंडर्ड पाए गए। इस आधार पर:
- कंपनियों को पाँच वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया
- उनके भुगतान और बैंक गारंटी पर रोक लगाई गई
लेकिन—अजय सिंह के अनुसार—सिर्फ आठ दिनों के भीतर ही बिना किसी नई जांच के कंपनियों को ब्लैकलिस्ट से बाहर कर दिया गया और उन्हें दोबारा कार्यादेश जारी किए गए।
ब्लैकलिस्ट कंपनियाँ आज भी सक्रिय – CPI का आरोप
CIPET रिपोर्ट में जिन कंपनियों के नमूने फेल हुए थे, उनमें Mohit India, Makk Now Industries, Global E Mechanical Equipment, Premier Irrigation, Adritec Pvt Ltd, Nimbus Pipes Ltd, Mohit Polytech Pvt Ltd, Vedanta Polymers Pvt Ltd, Rungta Irrigation Ltd, Shree Bhandari Plastic Pvt Ltd, Bharat Drop Irrigation and Agro, RM Drip and Sprinklers System Ltd, Samay Irrigation Pvt Ltd. शामिल हैं।
अजय सिंह ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों को सजा देने के बजाय विभागीय अधिकारियों ने उन्हें संरक्षण दिया और आज राज्य में लगभग 60% कार्यादेश यही कंपनियाँ ले रही हैं।
“किसानों के साथ धोखा सहन नहीं किया जाएगा” — CPI
अजय सिंह ने कहा कि किसानों के सम्मान और मेहनत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से ब्लैकलिस्टेड कंपनियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई , जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर दंडात्मक कार्यवाही और किसानों को दिए गए घटिया उपकरणों की जांच की मांग की है।
CPI ने चेतावनी दी कि यदि सरकार त्वरित कदम नहीं उठाती है, तो पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।



