राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड खाली करने का आदेश, बिहार की सियासत में हलचल तेज
सरकारी आदेश जारी, आवास बदलने की प्रक्रिया शुरू
पटना: पटना से मिली बड़ी जानकारी के अनुसार बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उनके वर्तमान सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड को खाली करने का निर्देश दिया गया है। भवन निर्माण विभाग ने औपचारिक आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कहा है कि राबड़ी देवी को अब विधान परिषद सदस्यों के लिए निर्धारित 39 हार्डिंग रोड का नया आवास आवंटित किया जा रहा है। आदेश जारी होते ही राज्य की राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई है, क्योंकि 10 सर्कुलर रोड सिर्फ एक सरकारी क्वार्टर नहीं, बल्कि लालू–राबड़ी परिवार से जुड़ा राजनीतिक शक्ति–केंद्र माना जाता रहा है।
लालू परिवार का वर्षों पुराना ठिकाना बदलने की तैयारी
राबड़ी देवी पिछले कई सालों से इसी आवास में रहीं, वहीं लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र–पुत्रियाँ भी यहीं से अपनी राजनीतिक गतिविधियाँ संचालित करते रहे हैं। 10 सर्कुलर रोड बीजेपी–जेडीयू गठबंधन सरकार के दौरान भी अक्सर राजनीतिक चश्मे का केंद्र रहा है और अब इसे खाली करने का आदेश बिहार की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नए आवास 39 हार्डिंग रोड का आवंटन
भवन निर्माण विभाग का कहना है कि बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के लिए केंद्रीय आवास पूल से 39 हार्डिंग रोड को अंतिम रूप दिया गया है। इसी के साथ इसे राबड़ी देवी को आवंटित कर दिया गया है ताकि वे नई व्यवस्था के अनुसार दूसरे सरकारी आवास में शिफ्ट हो सकें। सरकार का तर्क है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के अनुसार चल रही है और सभी आवश्यक विभागीय औपचारिकताएँ पूर्ण कर ली गई हैं।
तेजस्वी और तेज प्रताप को नोटिस की चर्चा
इधर राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को भी उनके सरकारी आवास खाली करने का निर्देश मिला है। हालांकि इस संबंध में अभी तक किसी आधिकारिक दस्तावेज या अधिसूचना की पुष्टि नहीं हुई है। बावजूद इसके, चर्चाओं का माहौल गरम है और विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की भावना से जोड़कर देख रहे हैं।
राबड़ी देवी के आवास का राजनीतिक महत्व
10 सर्कुलर रोड का घर सिर्फ एक निवास नहीं बल्कि राजनीतिक संघर्ष, रणनीति, बयानबाज़ी और कई महत्वपूर्ण बैठकों का साक्षी रहा है। कई चुनावी रणनीतियाँ, महागठबंधन की बैठकों से लेकर बड़े राजनीतिक फैसले इसी आवास से संचालित हुए हैं। यही वजह है कि इस पते से जुड़े हर बदलाव को राज्य के राजनीतिक समीकरणों में एक संकेत की तरह देखा जाता है।
लालू परिवार पर बढ़ा प्रशासनिक दबाव?
विशेषज्ञों का कहना है कि आवास बदले जाने की इस प्रक्रिया का समय भी महत्वपूर्ण है। एनडीए सरकार के पुनर्गठन और हालिया सत्ता समीकरणों के बाद लालू–राबड़ी परिवार के सरकारी प्रावधानों की फिर समीक्षा होना स्वाभाविक माना जा रहा है। हालांकि, राजद समर्थक इसे राजनीतिक दबाव और बदले की कार्रवाई बताकर इसे लेकर सरकार पर तीखे सवाल उठा रहे हैं।
सरकारी विभाग का पक्ष—“नियमों के अनुसार कार्रवाई”
भवन निर्माण विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह तय मानकों और सरकारी प्रक्रिया के अनुसार हुई है। विधान परिषद सदस्यों के लिए निर्धारित श्रेणी में राबड़ी देवी को नया आवास मिलना स्वाभाविक प्रशासनिक कदम है। 10 सर्कुलर रोड पर उनके रहने का कोई विशेष प्रावधान नहीं था, इसलिए इसे खाली कराना आवश्यक हो गया।
आगामी राजनीतिक हलचल पर सभी की नजरें
राबड़ी देवी और लालू परिवार से जुड़े आवास बदलाव का यह मामला आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में और हलचल पैदा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राजद इस मुद्दे पर क्या आधिकारिक रुख अपनाती है और क्या तेजस्वी या तेज प्रताप को भी वास्तव में नोटिस जारी किया गया है। फिलहाल, पटना के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर लगातार जारी है।



