आरकेडीएफ विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न
रांची: आरकेडीएफ विश्वविद्यालय का बहुप्रतीक्षित द्वितीय दीक्षांत समारोह शनिवार को नामकुम स्थित विश्वविद्यालय परिसर में गरिमापूर्ण माहौल में आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना से हुआ, जिसके साथ अकादमिक उपलब्धियों का यह भव्य उत्सव शुरू हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में मेकॉन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय कुमार वर्मा मौजूद रहे, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के कुलपति प्रो. (डॉ.) कृति भूषण दास विशेष अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हजारी गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित थे।
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) शुचितांगशु चटर्जी ने 2025 बैच के पीएचडी, पीजी, यूजी और डिप्लोमा छात्रों को कुल 636 डिग्रियां प्रदान कीं। इनमें 16 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया।

कुलपति का संदेश : सफलता केवल धन से नहीं मापी जाती
कुलपति प्रो. चटर्जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन का केवल एक अध्याय नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और आत्मविश्वास का आधार है। उन्होंने कहा कि सफलता को धन से नहीं बल्कि इस बात से मापा जाना चाहिए कि व्यक्ति समाज में कितना सकारात्मक बदलाव ला रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आरकेडीएफ के विद्यार्थी “नौकरी ढूंढने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले” बनेंगे।
मुख्य अतिथि संजय कुमार वर्मा का संबोधन
मुख्य अतिथि संजय कुमार वर्मा ने सभी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल एक यात्रा का अंत नहीं, बल्कि जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने युवाओं से देश के विकास में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
विशेष अतिथियों ने जीवन-मूल्यों पर दिया जोर
सीयूजे कुलपति प्रो. कृति भूषण दास ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। माता-पिता और शिक्षकों के समर्पण व मार्गदर्शन के बिना कोई भी विद्यार्थी आगे नहीं बढ़ सकता। गेस्ट ऑफ ऑनर प्रदीप कुमार हजारी ने कहा कि चरित्र मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। युवाओं को प्रतिस्पर्धा के इस दौर में ईमानदारी, अनुशासन और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।

डायरेक्टर जनरल का संदेश
आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, भोपाल के डीजीएम डॉ. बी.एन. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की यह प्रगति एक पौधे से वृक्ष बनने की यात्रा है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और राष्ट्र निर्माण में करें।
समारोह का सफल आयोजन
समारोह के अंत में कुलसचिव डॉ. अमित कुमार पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि छात्रों की सफलता विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। एक अकादमिक संस्था का सपना आज साकार होता दिख रहा है। कार्यक्रम का संचालन विधि संकाय के प्रोफेसर अमित झा ने किया।
दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के प्राध्यापक, कर्मचारी, छात्र और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय परिसर पूरे दिन अकादमिक उपलब्धियों और उत्साह से भरा रहा




