रोहिणी के आरोपों से RJD में भूचाल: तेजस्वी के ‘क्रिकेट वाले दोस्त’ रमीज खान कौन हैं
पटना/दिल्ली : बिहार चुनाव 2025 में करारी हार के बाद RJD के अंदर बगावत की चिंगारी अब आग बन चुकी है।
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को अचानक राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी।
इस फैसले ने RJD की अंदरूनी राजनीति को हिला दिया है।
रोहिणी की मानें तो— उन्होंने यह कदम तेजस्वी यादव के बेहद करीबी संजय यादव और रमीज नेमत खान के दबाव में उठाया है। यानी अब मामला सिर्फ़ चुनाव हार का नहीं, बल्कि RJD परिवार के भीतर सत्ता संघर्ष का भी बन चुका है।
रोहिणी आचार्य का आरोप—“संजय यादव और रमीज खान के दबाव पर लिया फैसला”
243 सीटों वाले चुनाव में RJD सिर्फ़ 25 सीटें जीत पाई। इस शर्मनाक परफॉर्मेंस के बाद रोहिणी ने भावुक होकर कहा— “मैं राजनीति छोड़ रही हूँ और परिवार से भी दूर रहूंगी। यह फैसला संजय यादव के कहने पर लिया है।” रोहिणी ने उसी बयान में रमीज नेमत खान का भी ज़िक्र किया— और बस, यह नाम अचानक राजनीतिक सुर्खियों में छा गया।
तो कौन है रमीज नेमत खान? क्यों अचानक बना बिहार की सियासत का नया विवादित चेहरा?
रोहिणी के आरोप लगते ही यह सवाल पूरे बिहार में गूंजने लगा— “आख़िर यह रमीज खान है कौन, और RJD की राजनीति में इसका इतना प्रभाव कैसे?”
अब इसे विस्तार से समझें—
तेजस्वी यादव का ‘क्रिकेट वाला दोस्त’, जो अब राजनीति का शैडो पावर सेंटर!
रमीज नेमत खान तेजस्वी यादव के बहुत पुराने दोस्त हैं। दोस्ती की शुरुआत क्रिकेट मैदान से हुई थी— बाद में यह रिश्ता राजनीति तक पहुँच गया।
आज की तारीख में रमीज—
- तेजस्वी की कोर टीम का हिस्सा
- RJD की सोशल मीडिया मशीनरी का संचालक
- प्रोपेगेंडा और डिजिटल कैंपेन का ‘मुख्य खिलाड़ी’
- चुनाव रणनीति में भी प्रभावी भूमिका
यानी साफ़ है कि तेजस्वी यादव की राजनीति में रमीज खान एक बैकस्टेज पावर की तरह मौजूद हैं।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती…
रमीज खान पर हत्या और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर मामले भी दर्ज!
रोहिणी आचार्य के आरोप के बाद जब लोग रमीज खान के बैकग्राउंड खंगालने लगे तो बड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
बलरामपुर में 9 केस दर्ज
कौशांबी में 2 केस
- 2023 में प्रतापगढ़ के ठेकेदार शकील खान की हत्या में नामजद आरोपी
- शकील का शव कुशीनगर के रेलवे ट्रैक के पास मिला था।
- UP सरकार ने 4.75 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त की
- भूमि गैंगस्टर एक्ट के तहत कब्जे में ली गई।
- 2024 में गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तारी
- अप्रैल 2025 में जमानत मिली।
- सुप्रीम कोर्ट से राहत
SC ने निर्देश दिया कि बिना कोर्ट की अनुमति दोबारा गिरफ्तारी नहीं होगी। यह इतिहास काफी कुछ बताता है कि रमीज सिर्फ़ ‘टेक्निकल टीम के सदस्य’ नहीं, बल्कि एक विवादित पृष्ठभूमि वाला प्रभावशाली चेहरा हैं।
क्या है रमीज खान का राजनीतिक और पारिवारिक बैकग्राउंड?
- उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (अब श्रावस्ती) के रहने वाले
- पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के दामाद
- रिज़वान ज़हीर SP और BSP से दो बार सांसद रह चुके
- एक समय UP के सबसे कम उम्र के विधायक
परिवार का राजनीतिक प्रभाव मजबूत है, और रमीज ने धीरे-धीरे बिहार तक भी अपनी भूमिका मजबूती से बना ली।
रमीज से जुड़े विवाद— हत्या, साजिश और पंचायत चुनाव हिंसा
- तुलसीपुर जिला पंचायत चुनाव में हिंसा का आरोप
- कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह पर हमले का केस दर्ज।
- तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या
- 2022 में इस हत्या की साजिश में रमीज खान, उनकी पत्नी व ससुर पर केस दर्ज। यानी विवादों की लंबी लिस्ट है।
RJD परिवार में तूफान:
क्या रमीज और संजय यादव की वजह से रोहिणी आचार्य हुईं आहत?
RJD सूत्रों के अनुसार—
- संजय यादव तेजस्वी के सबसे शक्तिशाली सलाहकार
- RJD की नियुक्तियों पर उनकी पकड़
- टिकट वितरण में भी प्रभाव
रोहिणी ने जिस तरह सीधे-सीधे रमीज खान का नाम लिया है, उससे यह साफ है कि लालू परिवार के भीतर सत्ता और प्रभाव की लड़ाई चरम पर है।
क्या रोहिणी आचार्य के आरोप RJD के लिए बड़ा राजनीतिक संकट हैं?
हाँ… और बहुत बड़ा।
क्योंकि—
- रोहिणी एक भावनात्मक चेहरा हैं
- जनता के बीच भरोसे की पहचान
- पिता के लिए किडनी दान करने वाली बहादुर बेटी
उनका परिवार से दूरी बनाने का फैसला RJD की छवि पर सीधा प्रहार है।
रोहिणी Vs रमीज विवाद, RJD की अंदरूनी टूट का संकेत?
चुनाव हार पहले ही RJD के लिए गहरा झटका थी… अब रोहिणी की विदाई और रमीज पर उठते सवाल RJD को और कमजोर कर सकते हैं। राजनीति विशेषज्ञ मान रहे हैं कि— “यह विवाद आने वाले दिनों में RJD की सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है।”



