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पाकुड़: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत बच्चों ने निकाली जागरूकता रैली, दिया शिक्षा से विकास का संदेश
पाकुड़ः हिरणपुर प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय हाथकाठी हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत चल रहे साक्षरता सप्ताह के अवसर पर एक विशेष जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।
विद्यालय के बच्चों ने हाथों में रंग-बिरंगी तख्तियां लेकर पूरे पोषक क्षेत्र में मार्च किया और ग्रामीणों को शिक्षा का महत्व समझाने का प्रयास किया। तख्तियों पर लिखे नारे जैसे – “शिक्षित होंगे हम, विकसित होगा मेरा वतन”, “साक्षरता हमें जगाती है, अज्ञानता से बचाती है”, “पूरे देश की है अब यही आवाज, पढ़ा-लिखा हो हमारा समाज” और “दीप से दीप जलाएँगे, साक्षर देश बनाएँगे” – लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे।
ग्रामीणों ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और इस बात को माना कि शिक्षा ही एकमात्र साधन है जिससे गरीबी और अज्ञानता की बेड़ियों को तोड़ा जा सकता है।
विद्यालय प्रधान दीपक साहा ने कहा कि – “शिक्षा समाज और राष्ट्र के विकास की सबसे बड़ी ताकत है। बच्चे जब इस तरह से संदेश लेकर समाज के बीच जाते हैं तो इसका असर सीधा परिवारों तक पहुँचता है और शिक्षा के प्रति जागरूकता तेजी से फैलती है।”
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पहल
साक्षरता सप्ताह का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य यह है कि हर वर्ग तक शिक्षा पहुँचे और भारत साक्षरता के मामले में मजबूती से आगे बढ़े। केंद्र सरकार का राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (National Literacy Mission) निरक्षरता मिटाने के लिए दशकों से काम कर रहा है।
झारखंड सरकार ने भी शिक्षा को जन आंदोलन का रूप देने के लिए कई पहल की हैं। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में नियमित रूप से साक्षरता रैलियां, शैक्षिक जागरूकता अभियान और अभिभावक संवाद कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। राज्य सरकार का मानना है कि ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में जब बच्चे खुद संदेशवाहक बनते हैं तो समाज में शिक्षा को लेकर सकारात्मक बदलाव ज्यादा तेजी से आता है।
हिरणपुर का यह आयोजन न केवल एक विद्यालय की पहल है, बल्कि उस व्यापक उद्देश्य का हिस्सा है जिसके तहत पूरे देश को “साक्षर भारत” बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। बच्चों की यह रैली इस बात का प्रमाण है कि आने वाली पीढ़ी शिक्षा के महत्व को समझती है और वह इसे समाज के हर कोने तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।