खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल में प्रस्तावित बार काउंसिल भवन का शिलान्यास
खूंटी (झारखंड): राज्य के अधिवक्ताओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में झारखंड सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल में प्रस्तावित विधिज्ञ परिषद (Bar Council) भवनों का शिलान्यास आज मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन, झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री तरलोक सिंह चौहान, माननीय न्यायाधीशगण एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
चाईबासा और चांडिल में बनने वाले बार भवन का शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किया गया। कार्यक्रम खूंटी के कचहरी परिसर में आयोजित हुआ, जहां भारी संख्या में अधिवक्ता, जनप्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे।
24 जिलों और 7 अनुमंडलों में बार भवन निर्माण की योजना
राज्य सरकार अधिवक्ताओं के कार्यस्थलों को सुदृढ़ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए 24 जिलों एवं 7 अनुमंडलों में बार भवन निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए लगभग 132 करोड़ 84 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह शिलान्यास और उद्घाटन तीन चरणों में किया जाएगा, ताकि शीघ्रता से सभी जिलों को कवर किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा – न्यायिक प्रक्रिया को मिलेगी मजबूती
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि “आज भले ही यह एक छोटा सा शिलान्यास समारोह हो, लेकिन इसके मायने बड़े हैं। राज्य के आम जन को न्याय प्राप्त कराने की प्रक्रिया में कई पायदान होते हैं और उनमें अधिवक्ता व न्यायालय दोनों ही अभिन्न अंग हैं। हमारी सरकार चाहती है कि आने वाले तीन वर्षों के भीतर सभी जिलों में सुंदर, स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित बार भवन तैयार हो जाएं। इसी लक्ष्य को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है।”
न्यायिक आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल न्यायालय नहीं बल्कि एक ऐसा मंदिर है जहां बिना भेदभाव के सभी को न्याय मिलता है। बेंच और बार मिलकर आमजन को सुलभ एवं त्वरित न्याय दिलाते हैं। राज्य सरकार न्यायिक आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। न्यायिक पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।”
अधिवक्ताओं के लिए झारखंड बना अग्रणी राज्य
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिवक्ताओं के लिए राज्य सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां अधिवक्ताओं को पेंशन देने की योजना लागू है। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा और स्टाइपेंड की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सोच है कि न्यायालय परिसर की समस्याओं का समाधान तुरंत हो। आने वाले समय में न्याय व्यवस्था स्वतंत्र रूप से अपने कार्यों में और आगे बढ़े, इसके लिए सरकार पूर्ण सहयोग करने को तत्पर है।”
भगवान बिरसा मुंडा की धरती से ऐतिहासिक शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि भगवान बिरसा मुंडा जी की पवित्र धरती से खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल में बार भवन निर्माण हेतु किया गया यह शिलान्यास न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगा।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
इस अवसर पर सांसद श्री कालीचरण मुंडा, विधायक श्री राम सूर्या मुंडा, विधायक श्री सुदीप गुड़िया, महाधिवक्ता श्री राजीव रंजन, न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारीगण, गणमान्य अतिथि एवं बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं आमजन मौजूद थे।