जीएसटी दरों में कटौती आज से लागू, रोज़मर्रा की चीज़ें हुईं सस्ती, लग्ज़री पर बढ़ा टैक्स
नई दरें लागू, उपभोक्ताओं को राहत
मुनादी लाइव डेस्क: देशभर में आज से घटाई गई जीएसटी दरें लागू हो गईं। रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कई सेवाओं पर जीएसटी घटाया गया है। दूध, ब्रेड जैसी आवश्यक वस्तुएं अब टैक्स फ़्री हो गई हैं। जीवन व स्वास्थ्य बीमा और जीवन रक्षक दवाएं भी टैक्स के दायरे से बाहर कर दी गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम देश को संबोधित करते हुए इसे ‘अगली पीढ़ी के जीएसटी रिफ़ॉर्म्स’ बताया। उन्होंने कहा, “नवरात्र के शुभ अवसर पर देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो रहा है। इससे देश के गरीब, मध्यमवर्गीय, नियो मिडिल क्लास, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार और उद्यमी सभी लाभान्वित होंगे।”
कहां कितनी कटौती हुई
- आवश्यक वस्तुएं: दूध, ब्रेड, जीवन रक्षक दवाएं, जीवन व स्वास्थ्य बीमा सेवाएं टैक्स फ़्री।
- रोज़मर्रा के उत्पाद: हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, बटर, घी, चीज़, डेयरी स्प्रैड, पैकेज्ड नमकीन, बर्तन, बच्चों की दूध बोतल, नैपकिन, डायपर, सिलाई मशीन व पुर्जे – जीएसटी घटकर 5%।
- स्वास्थ्य क्षेत्र: हेल्थ और लाइफ़ इंश्योरेंस 18% से घटकर शून्य, थर्मामीटर, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट 5%।
- शिक्षा व कृषि: मैप, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, नोटबुक, इरेज़र टैक्स फ़्री; ट्रैक्टर टायर व पुर्जे 18% से घटकर 5%; बायो कीटनाशक, माइक्रोन्यूट्रिएंट, ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर 12% से घटकर 5%।
इलेक्ट्रॉनिक्स: मोटर पंखे, ह्यूमिडिटी कंट्रोलर, डिशवॉशर, टीवी, मॉनिटर, प्रोजेक्टर व सेट टॉप बॉक्स 28% से घटकर 18%।
लग्ज़री पर कड़ा टैक्स
जहां ज़रूरी चीज़ों पर जीएसटी घटा है, वहीं लग्ज़री और हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया गया है। पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, कैफीनयुक्त पेय और बड़ी लग्ज़री कारों पर जीएसटी 40% कर दिया गया है।
‘जीएसटी 2.0’ से उपभोक्ता को कितना फ़ायदा?
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, कम करों से औसत उपभोक्ता के मासिक व्यय के एक तिहाई हिस्से को लाभ होगा और मध्यम वर्ग की ख़रीदने की क्षमता में सुधार होगा। सरकार को इससे 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने का अनुमान है, लेकिन लग्ज़री टैक्स से 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद है।
सर्वसम्मति से लिया गया फैसला
जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ही जीएसटी दरों में बदलाव का संकेत दिया था।
खपत को बढ़ावा देने की कोशिश
सरकार का तर्क है कि इस ‘जीएसटी 2.0’ से कर संहिता सरल होगी और धीमी पड़ती घरेलू खपत को एक ज़रूरी बढ़ावा मिलेगा। भारत के जीडीपी का आधे से अधिक हिस्सा घरेलू खपत से आता है। नवरात्र जैसे त्योहारी मौसम में दरों में यह कटौती बाज़ार को रफ़्तार देने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
नवरात्र और स्वदेशी का संदेश
प्रधानमंत्री ने आज ‘एक्स’ पर लिखा, “इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है। जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान एक नई ऊर्जा मिलने वाली है। आइए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों में जुट जाएं।”
नई दरें लागू होने से जहां आम जनता को सीधी राहत मिलेगी, वहीं सरकार के सामने राजस्व संतुलन की चुनौती होगी। त्योहारी सीजन में यह कदम उपभोक्ताओं की जेब पर सकारात्मक असर डाल सकता है।