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Gandhi Jayanti pakur Gandhi Jayanti pakur

पाकुड़, झारखंड : हर वर्ष 2 अक्टूबर को देशभर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन सिर्फ एक स्मृति दिवस नहीं बल्कि गांधी जी द्वारा दिए गए सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का अवसर भी है। गांधी जी ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि पूरे विश्व को यह सिखाया कि संघर्ष और परिवर्तन के लिए हिंसा का मार्ग नहीं, बल्कि शांति, धैर्य और सहअस्तित्व का मार्ग अपनाना चाहिए।

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पाकुड़ में गांधी जयंती समारोह
झारखंड के पाकुड़ जिले में भी गांधी जयंती धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। मुख्य आयोजन गांधी चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पर हुआ। यहां जिले के उपायुक्त मनीष कुमार, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह और नगर परिषद के प्रशासक अमरेन्द्र कुमार चौधरी ने संयुक्त रूप से प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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अधिकारियों ने दिए प्रेरणादायक संदेश
इस अवसर पर उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके सत्य, अहिंसा और सद्भावना के विचार आज भी समाज में प्रासंगिक हैं। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि वे स्वच्छता अभियान को जनआंदोलन की तरह अपनाएँ और अपने गाँव तथा शहर को साफ-सुथरा रखने में प्रशासन का सहयोग करें।

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उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया ने कहा कि गांधी जी का सपना था—”स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत।” हमें उनके इस सपने को साकार करने की दिशा में काम करना होगा।

अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन और एसडीओ साईमन मरांडी ने भी गांधी जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया।

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समाहरणालय में भी हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम
गांधी चौक के कार्यक्रम के बाद समाहरणालय स्थित सभागार में भी एक औपचारिक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। यहां उपायुक्त मनीष कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

दोनों महान नेताओं के योगदान को याद करते हुए अधिकारियों ने कहा कि गांधी जी ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में मार्गदर्शन किया, वहीं शास्त्री जी ने “जय जवान, जय किसान” का नारा देकर देश को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई।

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स्वच्छता और सद्भाव का संकल्प
कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन की ओर से यह संदेश दिया गया कि गांधी जी के सिद्धांतों को केवल भाषणों तक सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि उन्हें व्यवहारिक जीवन में अपनाना जरूरी है।

उपायुक्त ने कहा कि हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने आस-पास सफाई रखे और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दे। गांधी जी मानते थे कि स्वच्छता केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी जरूरी है। इसी विचारधारा के साथ जिले के अधिकारी और आम नागरिकों ने स्वच्छता और सद्भाव का संकल्प लिया।

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नागरिकों की भागीदारी
गांधी चौक पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, स्कूली बच्चों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान गांधी जी के पसंदीदा भजनों का गायन किया गया और बच्चों ने गांधी जी के विचारों पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

पाकुड़ में गांधी जयंती का आयोजन यह संदेश लेकर आया कि गांधी जी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि जीवन जीने का एक आदर्श हैं। उनके सत्य, अहिंसा और स्वच्छता के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान थे।

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जिले के अधिकारियों ने गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यदि हम सभी उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाएँ तो समाज और देश दोनों का उत्थान निश्चित है।

महात्मा गांधी का यह वाक्य—“आप वो बदलाव बनिए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं”—आज भी हर नागरिक के लिए मार्गदर्शक है और पाकुड़ में हुए इस आयोजन ने उस संदेश को पुनः जीवंत कर दिया।

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