ISI और LTTE की साजिश का दावा, तिरुपति को उड़ाने की धमकी से दहशत
तिरुपति में मचा हड़कंप, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
तिरुपति: आंध्र प्रदेश के धार्मिक नगरी तिरुपति से एक बड़ी आतंकी साजिश की खबर सामने आई है। आतंकवादियों ने ईमेल भेजकर इस ऐतिहासिक और आस्था के केंद्र को बम से उड़ाने की धमकी दी है। इस धमकी ने पूरे शहर और खासकर श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैला दी है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत अलर्ट जारी करते हुए शहरभर में सघन जांच और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
धमकी भरे ईमेल में ISI और LTTE का नाम
अधिकारियों के मुताबिक, दो संदिग्ध ईमेल प्राप्त हुए हैं जिनमें दावा किया गया है कि तिरुपति के विभिन्न इलाकों में आरडीएक्स विस्फोटक रखे गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मेल्स में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और तमिलनाडु के तिरुवल्लूर स्थित पूर्व LTTE (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) से जुड़े आतंकियों की साजिश का जिक्र किया गया है। इस बात से साफ है कि धमकी के पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर की आतंकी साजिश हो सकती है।
बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड की तैनाती
धमकी मिलते ही बम निरोधक दस्ते (BD Teams) और डॉग स्क्वॉड को सक्रिय कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने श्रीनिवासम, विष्णु निवासम, कपिल तीर्थम मंदिर और गोविंदराजुला स्वामी मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर तलाशी अभियान चलाया। वहीं, बस स्टैंड और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों की भी गहन जांच की गई।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की यात्रा से पहले साजिश
ध्यान देने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की 6 अक्टूबर को तिरुपति यात्रा प्रस्तावित है। इससे पहले ही यह धमकी भरा ईमेल मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। हाल ही में जजों के आवासीय परिसर, कोर्ट परिसर और कृषि महाविद्यालय के हेलीपैड पर भी सुरक्षा जांच की गई थी। अब प्रशासन ने इसे और ज्यादा सख्त कर दिया है।
अन्य मंदिरों में भी तलाशी
सिर्फ तिरुपति ही नहीं, बल्कि आसपास के मंदिरों में भी तलाशी अभियान चलाया गया है। तिरुचनूर पद्मावती अम्मावारी मंदिर, तिरुमला मंदिर और श्रीकालहस्ती मंदिर की भी बम निरोधक टीमों ने बारीकी से जांच की। श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया जांच
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी प्रवेश द्वारों पर चेकिंग बढ़ा दी गई है और संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी तेज कर दी गई है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि ईमेल कहां से भेजे गए और इसके पीछे कौन लोग हैं। शुरुआती जांच में साइबर सेल को इस बात के सुराग मिले हैं कि ईमेल विदेश से भेजे गए हो सकते हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
तिरुपति बालाजी मंदिर देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की आतंकी साजिश एक बड़े खतरे की ओर इशारा करती है। प्रशासन ने साफ कहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ISI और LTTE का गठजोड़ खतरनाक संकेत
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस धमकी के पीछे वास्तव में ISI और LTTE का गठजोड़ है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरनाक संकेत है। एक तरफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI लंबे समय से भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करती रही है, वहीं LTTE जैसे संगठन दक्षिण भारत के संवेदनशील इलाकों में नई चुनौती बन सकते हैं।
फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं और जांच जारी है। यह धमकी कितनी गंभीर है, यह आने वाले समय में सामने आएगा। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने एक बार फिर देश में आतंकी संगठनों की गतिविधियों और उनके संभावित गठजोड़ पर सवाल खड़े कर दिए हैं।