रेलवे के डिजिटल नेटवर्क को मिलेगी मजबूत सुरक्षा, एयरटेल को मिला IRSOC का कॉन्ट्रैक्ट
रांची: भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए एयरटेल बिज़नेस ने भारतीय रेलवे सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (IRSOC) का बहुवर्षीय कॉन्ट्रैक्ट जीत लिया है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत एयरटेल बिज़नेस देश के सबसे विशाल परिवहन नेटवर्क — भारतीय रेलवे — के डिजिटल ढांचे की सुरक्षा को और सशक्त बनाएगा।
यह सौदा न केवल भारत की डिजिटल सुरक्षा में एयरटेल बिज़नेस की बढ़ती ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय कंपनियाँ अब राष्ट्रीय संपत्तियों की साइबर सुरक्षा में वैश्विक मानकों पर खरा उतर रही हैं।
रेलवे के डिजिटल बैकबोन की होगी हाई-टेक सुरक्षा
भारतीय रेलवे प्रतिदिन 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करता है, जो हर दिन करीब 2 करोड़ यात्रियों को सेवाएं देती हैं और लाखों डिजिटल ट्रांजैक्शन करती हैं। सालाना 1.5 अरब टन से अधिक माल ढुलाई करने वाली यह व्यवस्था भारत की आर्थिक धमनियों में से एक है।
ऐसे में टिकटिंग, भुगतान, सिग्नलिंग, और ट्रेन ट्रैकिंग जैसे संवेदनशील डेटाबेस को साइबर खतरों से बचाना एक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती बन चुका है।
एयरटेल बिज़नेस इस चुनौती को स्वीकार करते हुए रेलवे को मल्टी-लेयर साइबर सिक्योरिटी प्रोटेक्शन प्रदान करेगा, जिसमें रियल-टाइम मॉनिटरिंग, थ्रेट एनालिसिस और एआई-सक्षम सुरक्षा नियंत्रण शामिल होंगे।
एयरटेल बिज़नेस बनाएगा इंडस्ट्री-लीडिंग सिक्योरिटी सिस्टम
एयरटेल बिज़नेस की सुरक्षा संरचना “Airtel Secure” भारत में विकसित एक अत्याधुनिक साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क है। यह प्रणाली रेलवे के 160,000 कर्मचारियों और 26 प्रमुख लोकेशंस पर फैले डिजिटल नेटवर्क की 24×7 सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
इसमें उपयोग किए जाने वाले सभी टेक्नोलॉजी टूल्स पूरी तरह मेक इन इंडिया और भारतीय साइबर कानूनों के अनुरूप होंगे। इससे रेलवे का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह आत्मनिर्भर और एआई-इंटीग्रेटेड बनेगा।
एयरटेल बिज़नेस के सीईओ शरत् सिन्हा ने कहा —
“हमारे लिए यह सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट नहीं, बल्कि राष्ट्र के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में योगदान है। जब हर सेकंड लाखों डेटा ट्रांजैक्शन होते हैं, तब एडवांस्ड डिफेंस मैकेनिज़्म अत्यावश्यक हो जाते हैं। हमें गर्व है कि भारतीय रेलवे ने हम पर भरोसा जताया।”
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के बाद भारत का रेलवे नेटवर्क विश्व के सबसे सुरक्षित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल होगा।
रेलवे बोर्ड के ईडीआईपी दिलीप कुमार ने कहा —
“ऑपरेशन, उत्पादन और संसाधन प्रबंधन में डिजिटल तकनीकों पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा है। IRSOC भारतीय रेलवे की सभी संपत्तियों की निगरानी करेगा और साइबर खतरों से निपटने की क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा।”
एयरटेल सिक्योर आर्किटेक्चर की मुख्य विशेषताएं
एयरटेल बिज़नेस रेलवे के डिजिटल नेटवर्क में सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी आर्किटेक्चर स्थापित करेगा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएँ शामिल हैं —
यूनिफाइड कम्प्लायंस एंड विज़िबिलिटी: एक ही डैशबोर्ड से 26 लोकेशंस और सभी सिक्योरिटी टूल्स की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग।
एडवांस्ड एंडपॉइंट प्रोटेक्शन: AI -संचालित सुरक्षा सिस्टम, जो सभी डिवाइसों की निरंतर निगरानी और खतरे की पहचान करेगा।
वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट: 1.9 लाख से अधिक महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स की निगरानी एक ही स्क्रीन से संभव होगी।
नेक्स्ट-जेन मॉनिटरिंग: मशीन लर्निंग और बिहेवियरल एनालिटिक्स आधारित सिस्टम, जो 20 सेकंड से भी कम समय में खतरे का पता लगा सकेगा — जो इंडस्ट्री में सबसे तेज़ रेस्पॉन्स टाइम है।
थ्रेट इंटेलिजेंस और डार्क वेब मॉनिटरिंग: साइबर खतरों का पूर्वानुमान लगाकर उनसे पहले ही निपटने की क्षमता।
नेटवर्क एक्सेस कंट्रोल: फायरवॉल, राउटर और नेटवर्क पासवर्ड प्रोटेक्शन के साथ रेलवे के एप्लिकेशन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
रेलवे की डिजिटल शील्ड बनेगा IRSOC
IRSOC की स्थापना से रेलवे को एक केंद्रीकृत सुरक्षा कमांड सेंटर मिलेगा, जो देशभर के साइबर खतरों का रियल-टाइम विश्लेषण करेगा। साथ ही यह राष्ट्रीय साइबर एजेंसियों के साथ मिलकर खतरे की जानकारी साझा करेगा ताकि रेलवे नेटवर्क पर किसी भी हमले की संभावना पहले ही खत्म की जा सके।
‘डिजिटल इंडिया’ के तहत एक मजबूत कदम
एयरटेल और भारतीय रेलवे के बीच यह साझेदारी भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को नई दिशा देगी। यह न केवल रेलवे के डेटा को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि अन्य सरकारी एजेंसियों को भी साइबर सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनने का मॉडल प्रदान करेगी।
एयरटेल बिज़नेस और भारतीय रेलवे की यह साझेदारी भारत के डिजिटल भविष्य की सुरक्षा की गारंटी है। यह सौदा दर्शाता है कि भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर अब केवल सेवाएँ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की डिजिटल दीवार बनने की दिशा में अग्रसर है।