हिंडाल्को ने पूरे जोश और समर्पण के साथ मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

रांची | 21 जून 2025: देश की अग्रणी औद्योगिक कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने सभी कर्मचारियों के लिए एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया। यह आयोजन न केवल रांची मुख्यालय, बल्कि चकला कोल माइंस डिविजन, कठौतिया कोल माइंस डिविजन और लोहरदगा माइंस डिविजन सहित विभिन्न इकाइयों में भी समर्पण और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।

योगाभ्यास में दिखा हिंडाल्कोकर्मियों का जोश
रांची में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में सभी हिंडाल्कोकर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए और योग गुरु आदित्य कुमार के मार्गदर्शन में विभिन्न योगासन, प्राणायाम और ध्यान अभ्यास किए। सत्र के दौरान कर्मचारियों ने योग के वैज्ञानिक महत्व को जाना और नियमित योगाभ्यास को अपनी जीवनशैली में शामिल करने का संकल्प लिया।

योग से शरीर ही नहीं, मन भी होता है स्वस्थ : बिजेश झा

हिंडाल्को माइनिंग वर्टिकल के हेड बिजेश झा ने योग दिवस के अवसर पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा:
![]()
![]()
“योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। इससे शरीर और मन दोनों को संतुलन और ऊर्जा मिलती है। हमें चाहिए कि हम प्रशिक्षित योग गुरुओं की देखरेख में अपनी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार योग करें और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।”
स्वस्थ कर्मी, सशक्त कंपनी : हिंडाल्को की नीति
हिंडाल्को हमेशा से अपने कर्मियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और मानसिक कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देता रहा है। योग दिवस पर यह आयोजन इसी दिशा में एक सार्थक प्रयास है, जो कर्मचारियों को तनावमुक्त, ऊर्जावान और प्रेरित बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।
अन्य इकाइयों में भी दिखा समर्पण

चकला कोल माइंस डिविजन: कर्मचारियों ने प्रातः योग सत्र में भाग लिया और सामूहिक ध्यान के साथ कार्यक्रम संपन्न किया।
कठौतिया कोल माइंस डिविजन: योगाभ्यास के साथ ‘तनाव प्रबंधन पर योग की भूमिका’ पर एक विशेष सत्र आयोजित हुआ।
लोहरदगा माइंस डिविजन: स्थानीय प्रशिक्षकों की सहायता से कर्मचारियों ने विविध योगासन सीखे।
“हिंडाल्को का यह आयोजन यह दर्शाता है कि आधुनिक उद्योग अब केवल उत्पादन की नहीं, बल्कि कर्मचारी कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और समग्र जीवन गुणवत्ता की दिशा में भी अग्रसर हैं। योग दिवस जैसे आयोजनों से कार्यस्थलों की संस्कृति अधिक स्वस्थ, संतुलित और सकारात्मक बनती है।”