ईडी की छापेमारी राजनीति से प्रेरित, कुछ नहीं मिला: अंबा प्रसाद का बड़ा आरोप

रांची, झारखंड ब्यूरो: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर ईडी की कार्रवाई को लेकर गरमाहट बढ़ गई है। बड़कागांव की पूर्व कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया छापेमारी को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित और दबाव बनाने की कोशिश करार दिया है। उनका दावा है कि इस छापेमारी में कुछ भी बरामद नहीं हुआ, और यह केवल उनके और उनके परिवार को डराने की कवायद थी।

ईडी की कार्रवाई महज एक घंटे की जांच और पांच घंटे की प्रतीक्षा
अंबा प्रसाद ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि ईडी की टीम उनके घर पर लगभग एक घंटे तक ही सक्रिय रही, जिसके बाद पांच घंटे तक अधिकारी सिर्फ बैठे रहे और अंततः खाली हाथ लौट गए। उन्होंने कहा कि ईडी का मकसद सिर्फ मीडिया हेडलाइन बनाना था, न कि कोई ठोस जांच करना।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
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“पहले भी चुनाव से पहले इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। तब भी कुछ नहीं मिला और आज भी वही दोहराया गया।”
राजनीतिक साजिश का आरोप, सक्रियता से विपक्ष घबराया
पूर्व विधायक ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के ओबीसी विभाग की एडवाइजरी काउंसिल में शामिल किया है। इसके अलावा, बिहार चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां दी गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी लगातार बढ़ती राजनीतिक सक्रियता से विपक्षी दल बौखला गए हैं, और इसी वजह से यह ईडी की कार्रवाई करवाई गई है।


NTPC विवाद और पिता योगेंद्र साहू की सक्रियता
इस पूरे घटनाक्रम को केवल अंबा प्रसाद की राजनीति तक सीमित नहीं माना जा रहा। उनके पिता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू ने हाल ही में केरेडारी इलाके में एनटीपीसी (NTPC) के कार्य को रोकने का साहसिक कदम उठाया है।
उनका आरोप है कि कंपनी बिना उचित भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा किए, सीधे ग्रामीणों की जमीन पर काम करना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक गजट अधिसूचना सार्वजनिक नहीं की जाती, तब तक वह एनटीपीसी को वहां काम नहीं करने देंगे।
अंबा प्रसाद ने भी इस मुद्दे को जोड़ते हुए कहा कि उनके पिता की खुली जनहितकारी लड़ाई के चलते केंद्र सरकार और कॉरपोरेट लॉबी उनके परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।
RKTC कंपनी से कोई संबंध नहीं: अंबा प्रसाद
ईडी की छापेमारी के पीछे जिस कंपनी का नाम सामने आ रहा है—RKTC (आरकेटीसी)—उस पर भी अंबा प्रसाद ने सफाई दी है। उन्होंने कहा:
“मेरा या मेरे परिवार का RKTC से कोई संबंध नहीं है। जिन लोगों से मेरा नाम जोड़ा जा रहा है, जैसे संजीव साहू, मनोज दांगी और पंचम, वे वही लोग हैं जिन्होंने चुनाव के समय मुझे धोखा दिया था। अब मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है।“
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की अफवाहें फैलाकर सिर्फ छवि खराब करने और राजनीति में बाधा डालने की साजिश की जा रही है।
विपक्ष को चेतावनी: डर से नहीं झुकेंगे
पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने अंत में साफ किया कि वे किसी भी दबाव या डर से झुकने वाली नहीं हैं।
“मैं एक जनप्रतिनिधि हूं, और जनता की आवाज उठाना मेरा अधिकार और कर्तव्य है। चाहे ईडी आए या कोई और एजेंसी, मैं सच के साथ खड़ी रहूंगी।”
सवाल
क्या झारखंड में ईडी की कार्रवाई अब राजनीतिक हथियार बनती जा रही है? अंबा प्रसाद का मामला यह दर्शाता है कि किस तरह विपक्ष को निशाना बनाकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू का एनटीपीसी के खिलाफ संघर्ष भी इस पूरे घटनाक्रम को और भी संवेदनशील और जनसंवेदी बना देता है।
राज्य की राजनीति में यह मामला आने वाले दिनों में और गहराएगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल अंबा प्रसाद अपने तेवरों में कायम हैं और हर मोर्चे पर डटी हुई हैं।