एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड में “नवाचार से स्टार्टअप तक” विषय पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन

छात्रों को मिला मूल्य प्रस्ताव की समझ का व्यावहारिक प्रशिक्षण
रांची, झारखंड ,8 जुलाई 2025: एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड ने एक बार फिर अपने नवाचार-उन्मुख शैक्षणिक दृष्टिकोण का परिचय देते हुए “नवाचार से स्टार्टअप तक: व्यवसाय के लिए उपयुक्तता प्राप्त करना और मूल्य प्रस्ताव को मान्य करना” विषय पर एक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया। यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के इनोवेशन काउंसिल (IIC) के अधिदेश और माननीय संस्थापक अध्यक्ष एवं कुलाधिपति के विजन के अनुरूप आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, स्टार्टअप और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति डॉ. अशोक के. श्रीवास्तव के प्रेरणादायक शुभकामना संदेश के साथ हुई, जिसमें उन्होंने नवाचार और समस्याओं के समाधान आधारित शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एमिटी यूनिवर्सिटी न केवल ज्ञान देने में विश्वास रखती है, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक रूप से सक्षम बनाने पर भी बल देती है।

मुख्य वक्ता के रूप में सिद्धार्थ राजा हलधर, सहायक प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड, ने अपने व्याख्यान के दौरान स्टार्टअप की मूलभूत समझ, बाजार की वास्तविक मांगों, प्रोटोटाइप के परीक्षण, और व्यवसाय की वैधता को समझने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बताते हुए कहा कि “केवल विचार प्रेरणा नहीं होता, असली चुनौती है – उस विचार की इकॉनॉमिक वैल्यू को साबित करना।”
श्री हलधर ने स्टार्टअप के असफल होने के पीछे मुख्य कारणों में स्पष्ट समस्या विवरण की अनुपस्थिति, यूएसपी की अस्पष्टता, और प्रामाणिक ग्राहक फीडबैक की कमी को चिन्हित किया। उन्होंने यह भी बताया कि इनक्यूबेटर और एक्सेलरेटर प्लेटफॉर्म किस प्रकार शुरुआती स्टार्टअप्स को न केवल संसाधन, बल्कि नेटवर्क और रणनीति भी उपलब्ध कराते हैं, जिससे उनका स्थायित्व मजबूत होता है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने छात्रों को प्रोटोटाइप वैलिडेशन, कस्टमर फीडबैक, और वैल्यू प्रपोजिशन कैनवास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केस स्टडी और इंटरेक्टिव एक्सरसाइज के माध्यम से समझाया।


छात्रों ने भी बड़ी उत्सुकता से भाग लिया और नवाचार को बाजार की वास्तविक जरूरतों से जोड़ने की प्रक्रिया को नजदीक से समझा। कार्यक्रम के अंत में ओपन Q&A सेशन में विद्यार्थियों ने व्यावहारिक प्रश्न पूछे, जिससे विशेषज्ञ-वक्ता और प्रतिभागियों के बीच गहरी संवाद प्रक्रिया हुई।
यह कार्यक्रम न केवल एमिटी यूनिवर्सिटी के इनोवेशन-प्रेरित शिक्षा दर्शन को प्रमाणित करता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि नवाचार अब केवल प्रयोगशालाओं और थ्योरी तक सीमित नहीं रह गया है – वह आज की दुनिया में व्यावसायिक सफलता और सामाजिक बदलाव की कुंजी बन चुका है।
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