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नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी, चाईबासा में एनकाउंटर के दौरान इनामी नक्सली मारा गया
कैसे हुई मुठभेड़
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में रविवार सुबह सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। गोइलकेरा थाना क्षेत्र के बुर्जुवा पहाड़ी इलाके में कोबरा बटालियन, जिला पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया। सुबह लगभग छह बजे सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। करीब आधे घंटे चली गोलीबारी में पुलिस को भारी सफलता हाथ लगी और 10 लाख का इनामी नक्सली अमित हांसदा मारा गया।
सूत्रों के अनुसार, चाईबासा पुलिस को गोइलकेरा के रेलापारल इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके आधार पर सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया और नक्सली मूवमेंट का पता चलते ही मुठभेड़ शुरू हो गई।
मारे गए नक्सली की पहचान और भूमिका
डीआईजी कोल्हान नुरंजन किस्पोट्टा ने बताया कि मुठभेड़ में मारा गया नक्सली भाकपा (माओवादी) का जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अप्टन था। वह लंबे समय से पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। उस पर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
अमित हांसदा पर कई जिलों में हत्या, लूट, पुलिस पर हमले और विस्फोट जैसी गंभीर घटनाओं में शामिल होने के आरोप थे। वह पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और आसपास के जिलों में सक्रिय रहा था और माओवादी संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।
भारी पड़ते सुरक्षा बल, जंगलों में भागे उग्रवादी
जैसे ही मुठभेड़ शुरू हुई, सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के सामने नक्सली टिक नहीं पाए। भारी गोलीबारी के बीच कई नक्सली घने जंगलों का सहारा लेकर भाग निकले। मुठभेड़ स्थल पर अभी भी सुरक्षा बलों का तलाशी अभियान जारी है। पुलिस को आशंका है कि कुछ और नक्सली घायल हो सकते हैं, जो जंगलों में छिपे हुए हैं।
हथियार और सामग्री बरामद
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने एक इंसास राइफल, भारी मात्रा में कारतूस और नक्सली गतिविधियों से जुड़ी सामग्री बरामद की है। यह बरामदगी इस बात का संकेत है कि नक्सली बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
इलाके में नक्सली गतिविधियों का इतिहास
चाईबासा और आसपास का इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। पश्चिमी सिंहभूम के घने जंगल और दुर्गम पहाड़ नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहे हैं। यहां कई बार सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। पिछले एक साल में कई बड़े नक्सली या तो मारे गए हैं या गिरफ्तार किए गए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे अभियान ने उनके नेटवर्क को कमजोर किया है, लेकिन अभी भी इस इलाके में उनकी जड़ें पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।
पुलिस और प्रशासन का बयान
डीआईजी कोल्हान नुरंजन किस्पोट्टा ने कहा कि सुरक्षा बलों की इस सफलता से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने बताया कि अमित हांसदा जैसे कुख्यात नक्सली के मारे जाने से इलाके में माओवादी संगठन की ताकत कमजोर होगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मुठभेड़ के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। तलाशी अभियान जारी है ताकि बचे हुए नक्सलियों को पकड़कर कानून के हवाले किया जा सके।
चाईबासा की इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि झारखंड पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। 10 लाख इनामी नक्सली के मारे जाने से न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी राहत की भावना देखी जा रही है। यह अभियान राज्य में नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।