नक्सल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा, गृह विभाग ने जारी किया आदेश
चाईबासा, खूंटी, रांची और गुमला के पांच परिवारों को 1-1 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी
झारखंड: झारखंड में नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से राहत देने की प्रक्रिया जारी है। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने एक आदेश जारी कर बताया है कि नक्सल हिंसा में मारे गए पांच लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
इस आदेश के बाद चाईबासा, खूंटी, रांची और गुमला के प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
किन-किन को मिलेगा मुआवजा
- चाईबासा: सीता मुंडा के पुत्र रतन मुंडा को ₹1 लाख की राशि मिलेगी। सीता मुंडा की मौत 27 मई 2018 को गुदड़ी क्षेत्र में नक्सल हिंसा में हुई थी।
- खूंटी: एतवा कुंडलना के परिजन को ₹1 लाख मुआवजा दिया जाएगा। वह 7 जुलाई 2019 को रनिया में नक्सल हिंसा के शिकार हुए थे।
- चाईबासा: विक्रम होनहाना की पत्नी को ₹1 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। उनकी मौत 16 जून 2023 को गोइलकेरा में नक्सल हिंसा में हुई थी।
- रांची: राजेश मांझी की पत्नी को ₹1 लाख की राशि दी जाएगी। राजेश मांझी 6 अगस्त 2017 को तमाड़ क्षेत्र में मारे गए थे।
- गुमला: सुमित केशरी की पत्नी को ₹1 लाख का मुआवजा मिलेगा। सुमित केशरी की मौत 14 जनवरी 2023 को पालकोट में नक्सल हिंसा में हुई थी।
गृह विभाग का कदम क्यों अहम
नक्सल प्रभावित इलाकों में पीड़ित परिवार अक्सर आर्थिक तंगी और सामाजिक असुरक्षा से जूझते हैं। सरकार द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि इन परिवारों के लिए तात्कालिक राहत का काम करेगी।
गृह विभाग के इस फैसले से राज्य में यह संदेश जाएगा कि नक्सल हिंसा में मारे गए निर्दोषों और सुरक्षा बलों के परिवारों को सरकार सहारा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य में नक्सल हिंसा का परिदृश्य
झारखंड के कई जिलों में दशकों से नक्सल हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। सरकार समय-समय पर मुआवजा, पुनर्वास और सुरक्षा योजनाएं लाती रही है। 2017 से 2023 तक की घटनाओं में भी कई लोग मारे गए हैं। इस नई राहत राशि से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक मदद के साथ-साथ आगे के पुनर्वास की उम्मीद भी मिलेगी।
गृह, कारा एवं आपदा विभाग का यह आदेश न केवल संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि सरकार के नक्सल उन्मूलन और पीड़ितों के पुनर्वास के संकल्प को भी मजबूत करता है। अब देखना होगा कि यह मुआवजा राशि समय पर परिवारों तक पहुंचती है या नहीं।