पाकुड़ झारखंड: जिले के विद्यार्थियों में नई ऊर्जा और प्रेरणा भरते हुए उपायुक्त मनीष कुमार ने सोमवार को पीएमश्री हरिणडांगा +2 विद्यालय, पाकुड़ में आयोजित भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय (NCSM) की पहल पर आयोजित की जा रही है, जो जिले के 9 क्लस्टर विद्यालयों में क्रमिक रूप से आयोजित होगी।
इस मौके पर उपायुक्त ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा —
“पिछले वर्ष पाकुड़ जिले के विद्यार्थियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार हमारा लक्ष्य और ऊँचा होना चाहिए — इस बार झारखंड टॉपर पाकुड़ से ही होना चाहिए!”
“चार महीने पूरी मेहनत करें — यही सफलता की कुंजी है” उपायुक्त मनीष कुमार ने छात्रों से कहा कि अगले चार महीने अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपील की कि छात्र पूरे मनोयोग से अध्ययन करें और समय का सदुपयोग करें।
“त्योहार आएंगे, उत्सव होंगे, लेकिन इन चार महीनों में हर दिन तीन से चार घंटे की नियमित पढ़ाई आवश्यक है। यही आपकी सफलता की असली तैयारी होगी,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन केवल अंकों से नहीं, बल्कि अनुशासन और निरंतरता से तय होता है।
“जो छात्र अपने समय का प्रबंधन करता है, वही असली विजेता बनता है,” उपायुक्त ने कहा।
विज्ञान प्रदर्शनी से सीखने का नया अवसर इस मौके पर भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया, जो विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा अवसर है। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय (NCSM) द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी जिले के 9 क्लस्टर विद्यालयों में आयोजित की जाएगी।
प्रदर्शनी में विभिन्न वैज्ञानिक मॉडल और प्रयोग प्रदर्शित किए गए — जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और खोज की भावना को विकसित करना है।
उपायुक्त ने कहा,
“विज्ञान कोई विषय नहीं, बल्कि सोचने का तरीका है। छात्रों को चाहिए कि वे प्रयोगों के माध्यम से सवाल पूछें, खोज करें और सीखने की प्रक्रिया को मज़ेदार बनाएं।”
उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों से कहा कि मोबाइल साइंस लैब का अधिकतम उपयोग करें और विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा के माध्यम से विषय को समझने के लिए प्रेरित करें।
विद्यालय प्रबंधन को दिए स्पष्ट निर्देश उपायुक्त मनीष कुमार ने विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों को भी विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि —
परीक्षा तैयारी कक्षाएँ (Exam Preparation Classes) नियमित रूप से आयोजित हों।
डाउट क्लियरिंग सेशंस में हर विद्यार्थी की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
जिन छात्रों की 75% से अधिक उपस्थिति नहीं होगी, वे बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
उन्होंने कहा,
“यह नियम कठोर नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य के लिए ज़रूरी है। जो मेहनत करेगा, वही आगे बढ़ेगा।”
“शिक्षा ही भविष्य की कुंजी है” — उपायुक्त मनीष कुमार कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा जीवन की दिशा तय करती है।
“आपका भविष्य आपकी किताबों में छिपा है। आने वाले चार महीने की मेहनत आने वाले चार साल की दिशा तय करेगी। शिक्षा ही वह चाबी है जो हर दरवाजा खोल सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पाकुड़ जिला प्रशासन शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है और सभी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।
छात्रों में दिखा जोश और उत्साह उपायुक्त के संबोधन से विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कई छात्रों ने कहा कि अब वे बोर्ड परीक्षा में जिले का नाम रोशन करने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे।
विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कहा कि उपायुक्त मनीष कुमार की प्रेरक बातें छात्रों में आत्मविश्वास भरने वाली हैं। उन्होंने कहा,
“जब जिले का सर्वोच्च अधिकारी छात्रों से सीधे संवाद करता है, तो उसका प्रभाव गहरा होता है। अब विद्यार्थी नए जोश के साथ पढ़ाई में जुटेंगे।”
“पाकुड़ से झारखंड टॉपर” — एक सामूहिक लक्ष्य उपायुक्त ने अंत में कहा कि यह केवल एक विद्यालय का नहीं, बल्कि पूरे जिले का सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए।
“हम सब मिलकर इस बार यह साबित करेंगे कि पाकुड़ केवल भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि शिक्षा में भी झारखंड का अग्रणी जिला बन सकता है।”
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास — यही तीन सूत्र हैं जो किसी भी सफलता की नींव रखते हैं।
शिक्षा में उत्कृष्टता की ओर कदम उपायुक्त मनीष कुमार के इस प्रेरक संदेश ने पाकुड़ जिले के विद्यार्थियों में नई उमंग जगा दी है। भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी के साथ शिक्षा और प्रयोगात्मक अधिगम को बढ़ावा देने का यह प्रयास निश्चित रूप से जिले की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
अब देखना यह होगा कि उपायुक्त की इस चुनौती — “पाकुड़ से झारखंड टॉपर” — को छात्र कितनी गंभीरता से स्वीकार करते हैं और आने वाली बोर्ड परीक्षा में जिले का नाम पूरे राज्य में रोशन करते हैं।