स्वच्छता ही सेवा 2025: पाकुड़ में “अपना पानी टैंक साफ़ करे” अभियान, ग्रामीणों में जागरूकता
स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने और जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए शुरू हुई नई पहल
पाकुड़ : स्वच्छता ही सेवा अभियान 2025 के तहत शनिवार को पूरे पाकुड़ जिले के गांवों में “अपना पानी टैंक साफ़ करे” विशेष अभियान का आयोजन किया गया। इस पहल का नेतृत्व उपायुक्त मनीष कुमार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को अपने तथा ग्राम स्तर पर निर्मित जलमीनारों के पानी टैंकों की नियमित सफाई के महत्व से अवगत कराना और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
ग्रामीणों को जागरूक करने पर जोर
जिला प्रशासन ने बताया कि “अपना पानी टैंक साफ़ करे” अभियान के तहत ग्रामीणों को न केवल पानी टैंकों की सफाई और रखरखाव की जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों के बारे में भी समझाया गया। पानी टैंकों की नियमित सफाई से जलजनित बीमारियों में कमी आती है और समुदाय के लोग स्वस्थ रहते हैं।
तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन भी उपलब्ध
इस अभियान के दौरान जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक की टीमों ने गांवों का दौरा किया। ग्रामीणों को पानी टैंकों की सफाई और रखरखाव के लिए तकनीकी सहायता एवं मार्गदर्शन दिया गया। इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल के महत्व पर चर्चा कर जागरूकता बढ़ाई गई।
स्वच्छता से ही स्वास्थ्य संभव
स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों ने बताया कि पानी टैंकों की सफाई से डेंगू, टाइफाइड, हैजा, दस्त, डायरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम संभव है। स्वच्छता के अभाव में पानी टैंकों में कीटाणु पनपते हैं जो पीने के पानी को दूषित कर देते हैं। इससे न केवल बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर असर पड़ता है बल्कि पूरे परिवार को गंभीर बीमारियों का खतरा होता है।
समुदाय की भागीदारी से होगा असर
अभियान के दौरान ग्राम प्रधानों, वार्ड सदस्यों और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया गया। उनका कहना है कि स्वच्छता सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समुदाय की जिम्मेदारी भी है। ग्रामीणों को अपने पानी टैंकों की नियमित सफाई कर इस जिम्मेदारी को निभाना चाहिए।
नागरिकों ने जताई संतुष्टि
अभियान में शामिल ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की। उनका कहना था कि अक्सर पानी टैंकों की सफाई को लेकर जानकारी और संसाधनों की कमी रहती है। अब प्रशासन की मदद से न केवल जानकारी मिल रही है बल्कि सफाई के लिए आवश्यक तकनीकी मदद भी मिल रही है।
स्वच्छ पेयजल से स्वस्थ समाज
जिला प्रशासन ने बताया कि इस पहल से स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता में वृद्धि होगी, जलजनित बीमारियों की रोकथाम होगी और समुदाय में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता में सुधार होगा। इस अभियान के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल को लेकर नई सोच विकसित हो रही है।
उपायुक्त की अपील
उपायुक्त मनीष कुमार ने ग्रामीणों से अपील की कि वे “अपना पानी टैंक साफ़ करे” अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा, “स्वच्छ पेयजल हर व्यक्ति का अधिकार है और इसे सुनिश्चित करने के लिए हमें खुद आगे आना होगा। अगर हम अपने घरों और गांव के पानी टैंकों की सफाई करेंगे तो बीमारियां खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी।”
स्वच्छता ही सेवा का संदेश
यह अभियान “स्वच्छता ही सेवा” के संदेश को मजबूत करता है। प्रशासन का मानना है कि केवल सरकारी योजनाओं से ही नहीं बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ही स्वास्थ्य और स्वच्छता के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है।