चारा घोटाले की तर्ज पर झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता घोटाला उजागर: बाबूलाल मरांडी

विभिन्न जिला कोषागारों से अवैध निकासी का आरोप, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
रांची, 08 अप्रैल 2025: झारखंड में एक और बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा होने का दावा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के पहले कार्यकाल (2019–2024) के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में लगभग ₹160 करोड़ की लागत से किए गए कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं।

श्री मरांडी ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि इस विभाग में भी चारा घोटाले की तर्ज पर अलग-अलग जिला कोषागारों से अवैध रूप से राशि की निकासी की गई है। उन्होंने इसे जनता के पैसों की खुली लूट बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और उच्च स्तरीय जांच कराए।
मरांडी का आरोप:
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“यह सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि झारखंड की जनता के विश्वास के साथ किया गया विश्वासघात है। पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट हुई है। यह पूरी तरह से संगठित लूट का मामला है।”
श्री मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है, तो भाजपा सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।


भाजपा का सवाल:
किसकी स्वीकृति से फंड रिलीज किया गया?
किन अधिकारियों ने कार्यों की सत्यापन प्रक्रिया को नजरअंदाज किया?
जिन योजनाओं में पेमेंट हुआ, क्या वे योजनाएं धरातल पर मौजूद भी हैं?
बाबूलाल मरांडी ने यह भी मांग की कि जांच में दोषियों को न केवल चिन्हित किया जाए, बल्कि कड़ी सजा भी दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह से सरकारी धन का दुरुपयोग करने की हिम्मत न कर सके।
यह घोटाला झारखंड की राजनीति में एक नए विवाद का कारण बन सकता है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।