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मोदी सरकार ने झारखंड-बिहार-बंगाल को दी 3169 करोड़ की सौगात, देवघर-तारापीठ रेल परियोजना को मिली मंजूरी

177 किलोमीटर रेल लाइन होगी डबल, 441 गांवों और 28 लाख से अधिक लोगों को होगा फायदा, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मिलेगी बड़ी राहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की गई। कैबिनेट ने 3,169 करोड़ रुपये की लागत वाली देवघर-तारापीठ डबल रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के पूर्ण होने से न सिर्फ तीन राज्यों के रेलवे नेटवर्क को मजबूती मिलेगी, बल्कि बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) और पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट स्थित शक्तिपीठ तारापीठ के बीच रेल संपर्क और भी बेहतर होगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना में भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन किया जाएगा। 177 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 3,169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। परियोजना पूरी होने के बाद इस रूट पर ट्रेनों की भीड़ कम होगी और संचालन में तेजी आएगी।
ज्योतिर्लिंग से जुड़ जायेगा शक्तिपीठ
देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है और लाखों श्रद्धालु हर साल यहां दर्शन के लिए आते हैं। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल का तारापीठ शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। डबल लाइन परियोजना के पूरे हो जाने के बाद इन दोनों धार्मिक स्थलों के बीच रेल संपर्क और मजबूत होगा। इससे देशभर के श्रद्धालु आसानी से दोनों जगह पहुंच सकेंगे। रेल मंत्री ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री के “पीएम-गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाना है।
28.72 लाख लोगों को होगा लाभ
इस मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से झारखंड और बिहार के 441 गांवों के करीब 28.72 लाख लोग लाभान्वित होंगे। खासकर बांका, गोड्डा और दुमका जिलों के लोगों को सीधा फायदा होगा। परियोजना के पूरी होने से यात्रियों को सुरक्षित, तेज और आरामदायक यात्रा की सुविधा मिलेगी। रेलवे मंत्रालय के अनुसार इस रूट पर डबल लाइन होने के बाद माल ढुलाई में भी तेजी आएगी। अभी जहां हर साल 15 मिलियन टन माल ढुलाई होती है, वह परियोजना के पूरा होने के बाद और बढ़ जाएगी। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि इस परियोजना से क्षेत्र में पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा। देवघर और तारापीठ जैसे धार्मिक स्थलों पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। बेहतर रेल संपर्क के कारण न सिर्फ उनकी यात्रा आसान होगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस परियोजना से देश का कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा, क्योंकि रेल लाइन डबल होने के बाद ट्रेनों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा और समय पर गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। अनुमान है कि इससे हर साल लगभग 5 करोड़ लीटर तेल की बचत होगी।

पीएम मोदी के ‘न्यू इंडिया’ विजन के करीब
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ विजन के तहत रेलवे और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि इस तरह की परियोजनाओं से देश के पिछड़े और धार्मिक क्षेत्रों में भी विकास की गंगा बहेगी।
स्थानीय निवासियों ने जताई खुशी
इस परियोजना की घोषणा के बाद झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। देवघर और दुमका के लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के आने से क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा, जिससे होटल, टैक्सी और अन्य सेवाओं को भी फायदा होगा
देवघर-तारापीठ डबल रेल लाइन परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की एक बड़ी सौगात है। 3,169 करोड़ रुपये की इस परियोजना से झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के 28 लाख से अधिक लोग सीधे लाभान्वित होंगे। इससे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।