7 सितंबर की फायरिंग में घायल जमीन कारोबारी राजबलम गोप की मौत
रांची के रातू में जमीन विवाद को लेकर हुई थी गोलीबारी, रवि कुमार की मौके पर ही मौत हुई थी
रांची : राजधानी रांची के रातू थाना क्षेत्र के झखराटांड़ मुंडाटोली में 7 सितंबर की देर शाम जमीन विवाद को लेकर हुई फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हुए जमीन कारोबारी राजबलम गोप उर्फ बलमा की सोमवार सुबह मौत हो गई। राजबलम गोप बीते 15 दिनों से बरियातू स्थित रामप्यारी अस्पताल में भर्ती थे। उनके जबड़े में गोली फंस गई थी, जिसके कारण उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। सोमवार सुबह इलाज के दौरान उनकी सांसें थम गईं।
इस घटना में उनके मित्र रवि कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस डबल मर्डर जैसे मामले से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
7 सितंबर की घटना: गोलियों की बौछार
मालूम हो कि 7 सितंबर की रात को रातू के झखराटांड़ मुंडाटोली में जमीन कारोबारी राजबलम गोप और उनके मित्र रवि कुमार पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। फायरिंग में रवि कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि राजबलम गोप गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके जबड़े में गोली फंस गई थी, जिससे उनका इलाज लंबे समय तक चला। पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के वक्त बलमा अपने मित्र रवि के साथ बैठे थे। दोनों ने सफेद शर्ट पहन रखी थी, जिससे शूटरों को पहचानने में दिक्कत हुई और उन्होंने रवि को ही बलमा समझकर गोली चला दी।
छह आरोपी पहले ही गिरफ्तार
इस घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि राजबलम गोप को मारने के लिए मुख्य साजिशकर्ता कुणाल कुमार उर्फ बसंत यादव ने 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी।
कुणाल ने शूटरों को बताया था कि बलमा सफेद टीशर्ट में होगा। लेकिन संयोग से उसके मित्र रवि ने भी सफेद शर्ट पहन रखी थी। इस गलती के कारण शूटरों ने रवि कुमार को ही निशाना बना लिया।
जमीन विवाद बना वजह
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि राजबलम गोप उर्फ बलमा का गांव के कुछ लोगों के साथ दो एकड़ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। वह इस जमीन का एग्रीमेंट नामकुम के एक व्यवसायी से कर चुके थे। इस वजह से वह कुछ विरोधियों की नजर में चढ़ गए थे।ग्रामीणों ने बताया कि मृतक रवि कुमार भी एक जमीन कारोबारी था और बलमा के साथ ही रहता था।बताया जा रहा है कि विवादित भूखंड का एग्रीमेंट बलमा ने पहले ही कर लिया था, लेकिन हाल ही में एक अन्य स्थानीय कारोबारी ने उसी जमीन की रजिस्ट्री ऊंची कीमत देकर करा ली। कुछ दिनों से उक्त भूखंड पर चहारदीवारी खड़ी की जा रही थी।
धमकी और लालच के बाद फायरिंग
घायल अवस्था में थाने पहुंचे राजबलम गोप ने बयान दिया था कि उन्हें उस विवादित जमीन के सेटलमेंट के लिए चार चक्का का ऑफर मिला था। लेकिन जब उन्होंने जमीन देने से इनकार कर दिया, तो यह फायरिंग की घटना घटित हुई। पुलिस का कहना है कि यह पूरी घटना सुपारी किलिंग जैसी साजिश का हिस्सा लगती है।
इलाके में दहशत, पुलिस सतर्क
राजबलम गोप की मौत के बाद पूरे इलाके में सदमे और दहशत का माहौल है। रातू थाना पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर जांच तेज कर दी है। पुलिस को उम्मीद है कि मुख्य साजिशकर्ता समेत सभी आरोपियों को जल्द सजा दिलाई जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह घटना साफ करती है कि रांची के आसपास जमीन विवादों में किस तरह अपराधियों का नेटवर्क सक्रिय है।
राजबलम गोप की मौत के बाद यह मामला डबल मर्डर का रूप ले चुका है। 7 सितंबर को हुई इस गोलीबारी ने एक बार फिर जमीन विवादों पर प्रशासन की चुनौतियों को उजागर किया है। पुलिस ने 6 आरोपियों को पहले ही पकड़ लिया है और अब मुख्य साजिशकर्ता के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में लगी है।
इलाके के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के अपराधों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि जमीन विवाद को लेकर अपराध की घटनाओं पर रोक लग सके।