पाकुड़िया में वृद्धा की निर्मम हत्या, आरोपी गिरफ्तार — पुलिस की त्वरित कार्रवाई से खुला हत्या का राज़
पाकुड़ : झारखंड के पाकुड़ जिले में मानवता को झकझोर देने वाली एक हत्या की घटना सामने आई है। पाकुड़िया थाना क्षेत्र के बालिडीह गांव में 62 वर्षीय वृद्धा असारी रानी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिससे इलाके में राहत की सांस ली गई है।
घटना की जानकारी और पुलिस की तत्परता
2 अक्टूबर की सुबह ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि बालिडीह गांव में रहने वाली असारी रानी अपने घर में मृत पाई गई हैं और उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। सूचना मिलते ही पाकुड़िया थाना प्रभारी पु.अ.नि. मनोज कुमार महतो के नेतृत्व में एक गश्ती दल मौके पर पहुंचा और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल, पाकुड़ भेजा गया।
प्रारंभिक जांच में हत्या की आशंका गहराने के बाद मृतका के पुत्र दिवान पहाड़िया ने पुलिस को आवेदन देकर एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया।
मामले का पंजीकरण और SIT का गठन
मृतका के पुत्र के आवेदन के आधार पर पाकुड़िया थाना कांड संख्या 46/2025, धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ महेशपुर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया ताकि अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
24 घंटे में आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय सूत्रों के आधार पर छापामारी अभियान शुरू किया।
कार्रवाई के क्रम में पुलिस ने उसी दिन शंभु पहाड़िया (उम्र 30 वर्ष, पिता अर्जुन पहाड़िया, निवासी सोनापुर, थाना महेशपुर, जिला पाकुड़) को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की तो आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शंभु और असारी रानी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद आवेश में आकर उसने हत्या कर दी।
वैज्ञानिक जांच और तकनीकी साक्ष्य पर आधारित अनुसंधान
एसडीपीओ महेशपुर ने बताया कि यह मामला संवेदनशील है और इसकी जांच पूरी वैज्ञानिक एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। पुलिस टीम ने घटनास्थल से फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए हैं, जिसमें रक्त के धब्बे, फिंगरप्रिंट्स और हत्या में प्रयुक्त वस्तुओं का विश्लेषण शामिल है। साथ ही आरोपी के मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की भी जांच की जा रही है ताकि घटना की पूरी कड़ी स्पष्ट हो सके।
पुलिस की टीम और अभियान में शामिल अधिकारी
पाकुड़िया थाना की इस त्वरित कार्रवाई में निम्न अधिकारी और जवान शामिल रहे:
- पु.अ.नि. मनोज कुमार महतो, थाना प्रभारी, पाकुड़िया
- पु.अ.नि. कैला उराँव
- स.अ.नि. बाबुधन मुर्मू
- आ. 204 परशुराम पासवान
- आ. 170 मुकेश कुमार साह
इन सभी अधिकारियों ने टीम भावना के साथ कार्य करते हुए घटना के कुछ ही घंटों में आरोपी को गिरफ्त में लिया।
पाकुड़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना
स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे अपराधियों में डर और आम जनता में विश्वास दोनों बढ़ा है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि—
“पाकुड़ पुलिस किसी भी आपराधिक घटना पर तुरंत कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय थाना को दें ताकि अपराधों की रोकथाम समय पर की जा सके।
मौत से सन्नाटा, गांव में शोक का माहौल
असारी रानी की हत्या से पूरे बालिडीह गांव में मातम छा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि असारी रानी समाज में शांत और मिलनसार स्वभाव की थीं। उनकी इस तरह की मौत से लोग सदमे में हैं। गांव में लगातार पुलिस गश्त जारी है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या तनाव की स्थिति न बने।
इंसाफ की दिशा में निर्णायक कदम
पाकुड़िया थाना पुलिस की यह कार्रवाई न केवल उनकी कार्यकुशलता का उदाहरण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि कानून से कोई नहीं बच सकता। कुछ ही घंटों में हत्या का राज़ खोलकर पुलिस ने जहां मृतका के परिवार को राहत दी है, वहीं आम जनता में कानून व्यवस्था पर भरोसा और मजबूत हुआ है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि झारखंड पुलिस तकनीकी जांच, सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के माध्यम से अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह सक्षम है।