श्री कृष्ण विद्या मंदिर में ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे मनाया गया

रामगढ़: विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष व्यक्तिगत स्वच्छता की भावना का लोगों में विकास करने के लिए 15 अक्टूबर ग्लोबल हैंड वाश डे के रूप में मनाया जाता है। चिकित्सकों द्वारा साबुन से हाथ धोने पर जोर देने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं। प्रथम हम अपने हाथ और उंगलियों का इस्तेमाल खाने की वस्तुओं को पकड़ने में करते हैं अतः हाथ की गंदगी खाद्य पदार्थ तक, वहां से पेट तक पहुंचने की पूरी संभावना रहती है,

जो हमें बीमार कर सकती है। द्वितीय हाथ से हम अपनी आंख, मुंह और तथा चेहरे को कई बार छूते हैं यह संवेदनशील सेंसरी ऑर्गन भी हाथ की गंदगी से प्रभावित हो, हमें किसी गंभीर बीमारी की ओर ले जा सकते हैं। चतुर्थ अतिमहत्वपूर्ण कारण हाथों की चमड़ी मे प्राकृतिक तौर पर जीवाणु, विषाणु प्रतिरोधक क्षमता होती है जो उनके गंदे रहने पर बहुत कम हो जाती हैं, जबकि साफ रहने पर कई गुना बढ़ जाती है और बीमारी से हमारी रक्षा करती है।

हालांकि भारतीय संस्कृति में अभिवादन करने के लिए हाथ जोड़ने का रिवाज है जो पूर्णतः वैज्ञानिक और हाइजीनिक है परंतु यूरोप में हाथ मिलाने का रिवाज है जिससे गंदगी, जीवाणु और विषाणुओं का परस्पर आदान-प्रदान होता है। अतः वहां की संस्कृति में हाथ धोने की आवश्यकता अपेक्षाकृत अधिक है, परंतु अब सारे विश्व ने इस हाथ मिलाने के रिवाज को आत्मसात कर लिया है। अतः अब हैंड वॉशिंग का महत्व बढ़ जाता है। श्री कृष्ण विद्या मंदिर के छात्रों ने ग्लोबल हैंड वाशिंग डे से संबंधित ड्राइंग में अपनी सोच व संवेदनशीलता को अभिव्यक्त किया है।