डीजीपी ने कहा- शहीदों का लिया बदला, दो नक्सलियों को मार गिराया

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झारखंड: बोकारो में 500 से अधिक अधिकारी और जवान नक्सलियों के हमले में शहीद हुए हैं। उनकी शहादत का बदला लेने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि आज हमने दो नक्सलियों को मार गिराकर उनके बलिदान का बदला लिया है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने यह बातें बोकारो में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

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बता दे की बोकारो जिले में सुरक्षा बलों को 15 लाख के इनामी नक्सली रणविजय महतो की पत्नी, एरिया कमांडर शांति देवी और उसके दस्ते के सदस्य मनोज टुडू को मार गिराने में बड़ी सफलता मिली है। यह मुठभेड़ बोकारो पुलिस, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान का हिस्सा थी। इस ऑपरेशन को बोकारो एसपी मनोज स्वर्गीयरी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था ।

पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है, जिसमें एक AK-47 राइफल, दो इंसास राइफल, 7.62 MM राउंड की 162 कारतूस, 5.56 MM राउंड की 349 कारतूस, दो AK-47 मैगजीन, दो 5.56 इंसास मैगजीन, एक 5.56 LMG मैगजीन शामिल हैं |

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आईजी ऑपरेशन अमोल विष्णुकांत होमकर ने जानकारी दी कि इस मुठभेड़ से पहले, इनामी नक्सली रणविजय महतो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रणविजय की पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसकी पत्नी शांति देवी और अन्य नक्सली सेंट्रल जोनल कमेटी के सदस्य विवेक से मिलने के लिए जा रहे थे।

डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि झारखंड में 95% नक्सली गतिविधियां खत्म हो चुकी हैं। हम नक्सलियों को स्पष्ट संदेश देते हैं कि झारखंड की सरेंडर पॉलिसी देश की सबसे अच्छी पॉलिसी है। इसका लाभ उठाकर सरेंडर करें, वरना मारे जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि 31 मार्च तक झारखंड को नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य है।

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आईजी सीआरपीएफ साकेत सिंह ने कहा की इस सफलता के पीछे आपसी समन्वय मुख्य कारण है। डीजीपी द्वारा दिए गए लक्ष्य को पूरा करने में सभी टीम जुटी हुई हैं।

डीजीपी ने घोषणा की कि मारे गए नक्सलियों के लिए घोषित 15 लाख रुपए की इनामी राशि पूरी टीम को जल्द सौंपी जाएगी।

आम लोगो के बीच यह कार्रवाई झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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