JSSC CGL पेपर लीक मामला: IRB के 6 जवानों की होगी बर्खास्तगी, DGP ने दिए निर्देश

JSSC CGL Paper Leak 2025
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राज्य पुलिस महकमे में मचा हड़कंप, सख्त कार्रवाई की तैयारी

रांची, 18 अप्रैल 2025 : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा में पेपर लीक मामले में शामिल झारखंड IRB के छह जवानों पर अब बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। झारखंड पुलिस के महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए JAP (झारखंड सशस्त्र बल) के डीआईजी को पत्र जारी कर धारा 311 के तहत जवानों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं।

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CID की जांच में खुली साजिश की परतें

गौरतलब है कि 24 मार्च को CID ने पेपर लीक रैकेट का खुलासा करते हुए IRB के 5 जवानों को गिरफ्तार किया था, जबकि एक जवान अब भी फरार है। सभी जवानों को फिलहाल निलंबित कर जेल भेज दिया गया है, और इनके खिलाफ विभागीय जांच भी जारी है।

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CID की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये जवान परीक्षा में प्रश्नपत्र दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से ठगी कर रहे थे और सुनियोजित तरीके से परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे थे। यह गिरोह तकनीकी संसाधनों के माध्यम से पेपर उपलब्ध कराने और बदले में बड़ी रकम वसूलने का काम कर रहा था।

कड़ा संदेश देना चाहती है पुलिस प्रशासन

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DGP अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि पुलिस बल में भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जवानों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया को त्वरित और पारदर्शी तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया गया है ताकि पुलिस बल की साख और सार्वजनिक भरोसे को कायम रखा जा सके।

सवालों के घेरे में भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता

इस घटना के बाद JSSC की परीक्षा प्रणाली को लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस मामले में CID और पुलिस की आगे की जांच के बाद और नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस रैकेट में कुछ बाहरी तकनीकी विशेषज्ञों और दलालों की भी भूमिका जांच के दायरे में है, जो परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने में सक्रिय थे।

भविष्य की परीक्षाओं के लिए कड़ा सतर्कता प्रबंध जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में किसी भी परीक्षा के संचालन में तकनीकी सुरक्षा, गुप्त निगरानी और उच्चस्तरीय कोडिंग सिस्टम का इस्तेमाल अनिवार्य होना चाहिए, ताकि इस तरह के पेपर लीक की घटनाओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

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