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रांची के डोरंडा क्षेत्र में 7 मई को होगी मॉक ड्रिल, नागरिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में प्रशासन की बड़ी पहल

रांची, 6 मई 2025 : झारखंड की राजधानी रांची में आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को परखने तथा लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों के प्रति सजग करने के उद्देश्य से 7 मई 2025 (बुधवार) को एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह मॉक ड्रिल भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार “ऑपरेशन अभ्यास” कार्यक्रम के तहत आयोजित की जा रही है, जिसमें आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग के विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल और प्रतिक्रिया क्षमता की परीक्षा ली जाएगी।

संयुक्त प्रेस वार्ता में दी गई विस्तृत जानकारी
इस महत्त्वपूर्ण आयोजन की जानकारी रांची के उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री एवं डीआईजी-सह-वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी। अधिकारियों ने मीडिया के माध्यम से आम जनता से मॉक ड्रिल को लेकर सहयोग और समझदारी की अपील की।

डोरंडा क्षेत्र में होगा मॉक ड्रिल का आयोजन
- स्थान: डोरंडा, रांची
- दिनांक: 7 मई 2025, बुधवार
- समय: अपराह्न 4:00 बजे से 7:00 बजे तक
प्रमुख गतिविधियाँ:
- सायरन बजना
- बिजली, लाइट और जनरेटर बंद रखने का निर्देश
- ट्रैफिक के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था
- आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का संयुक्त अभ्यास


नागरिकों से की गई अपील: घबराएं नहीं, सहयोग करें
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास पूरी तरह पूर्व नियोजित और नियंत्रित है। इसका उद्देश्य है —
- जनता को आपदा के समय क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी देना।
- विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय का परीक्षण करना।
- आपदा के समय रेस्पॉन्स टाइम को बेहतर बनाना।
उन्होंने यह भी कहा:
“हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि सायरन बजने पर घबराएं नहीं। यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी तैयारी है। मॉक ड्रिल के दौरान अपने घरों की बिजली, वाहन लाइट और जनरेटर बंद रखें ताकि अभ्यास यथार्थ के करीब हो सके।”
ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव और वैकल्पिक मार्ग
- मॉक ड्रिल के दौरान डोरंडा क्षेत्र में ट्रैफिक को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है।
- स्थानीय नागरिकों को वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
- ट्रैफिक पुलिस द्वारा क्षेत्रवार रूट प्लान जारी किया जाएगा ताकि किसी को असुविधा न हो।
जन-जागरूकता को मिलेगा बढ़ावा
प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल से पहले और इसके दौरान वीडियो संदेशों, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को लगातार जागरूक किया जाएगा।
- स्कूल, कॉलेज, बाजार, व्यवसायिक संस्थानों को भी अलर्ट किया गया है।
- सिविल डिफेंस, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैयार रहेंगी।
मॉक ड्रिल क्यों है जरूरी? जानिए इसके पीछे की सोच
भारत सहित झारखंड में हाल के वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं, अग्निकांड, शहरी बाढ़, और तकनीकी दुर्घटनाओं की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में मॉक ड्रिल का आयोजन—
- आपदा के समय की तैयारी की समीक्षा करता है
- लोगों को आत्म-रक्षा की तकनीक सिखाता है
- संकट की घड़ी में प्रशासनिक व्यवस्था की मजबूती को परखता है
- और सबसे जरूरी, सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देता है
उम्मीद: नागरिक बनेंगे जिम्मेदार, अभ्यास होगा सफल
प्रशासन को उम्मीद है कि रांची के नागरिक इस नागरिक सुरक्षा अभ्यास को गंभीरता से लेंगे और मॉक ड्रिल को सफल बनाने में प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। यह पहल आने वाले समय में आपदा की स्थिति में प्रशासनिक क्षमता और सामुदायिक सुरक्षा दोनों को मजबूत करेगी।