आजसू के मिलन समारोह में दिखा सियासी दम, सुदेश महतो बोले – झारखंड के नौजवानों को लेना होगा निर्माण का संकल्प
बोकारो, 26 जुलाई 2025: झारखंड की राजनीति में आजसू पार्टी एक बार फिर अपने पुराने तेवर में लौटती दिखाई दे रही है। बलिदान दिवस के बाद बोकारो में आयोजित पार्टी के मिलन समारोह में केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो की उपस्थिति में राज्य के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली और झारखंड नवनिर्माण का संकल्प लिया।
इस भव्य आयोजन में गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, हजारीबाग के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संजय मेहता, मांडू विधायक तिवारी महतो, और गोमिया के पूर्व विधायक लंबोदर महतो जैसे दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन टिकैत महतो और अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सचिन महतो ने की।
सुदेश महतो का हमला – “झारखंड के साथ विश्वासघात” केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा:
“यह सरकार जन आकांक्षाओं के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात कर रही है। झारखंड की राजनीतिक चेतना को जगाना और सशक्त करना अब आजसू पार्टी की प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा कि यह पार्टी केवल एक संगठन नहीं, बल्कि संघर्ष और शहादत की विरासत है। सुदेश ने स्पष्ट किया कि विस्थापन, रोजगार, पुनर्वास, और स्थानीयता जैसे मुद्दों को लेकर पार्टी निर्णायक लड़ाई लड़ेगी :- सुदेश महतो
संजय मेहता का ऐलान – “264 प्रखंडों में जनजागरण अभियान” हजारीबाग़ लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता ने जोर देकर कहा कि आज झारखंड की जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार ओबीसी आरक्षण, सरना कोड, पेसा कानून, नियुक्ति प्रक्रिया सभी पर विफल है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी 264 प्रखंडों में जनजागरण अभियान चलाकर जनता को संगठित करेगी। उन्होंने नौजवानों से आह्वान किया कि वे “झारखंड को संवारने का संकल्प लें और जन आंदोलन का नेतृत्व करें।
जनता का उत्साह, युवाओं का समर्थन कार्यक्रम में जदयू, सपा, JLKM और अन्य दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में आजसू से जुड़े। युवाओं ने कहा कि वे पार्टी की वैचारिक स्पष्टता और नेतृत्व की नीतियों से प्रेरित हैं। “आजसू ही झारखंड के युवाओं की सच्ची आवाज़ है,” – करण महतो, नवसदस्य
जन सरोकारों की ओर पार्टी की रणनीति इस समारोह में संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा भी तय की गई, बोकारो का यह मिलन समारोह आजसू पार्टी की पुनर्बहाली और विस्तार का प्रमाण बनकर सामने आया है। पार्टी नेतृत्व अब झारखंड के कोने-कोने तक अपनी बात पहुँचाने और जनसंघर्ष को तेज करने के मूड में है। सुदेश महतो और संजय मेहता जैसे नेताओं के नेतृत्व में आजसू पार्टी झारखंड की राजनीति में एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता के रूप में उभर रही है।