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रामगढ़ थाना में पूछताछ के दौरान अफताब अंसारी गायब, परिजनों का हंगामा, थाने के बाहर सैकड़ों की भीड़, पुलिस पर गंभीर आरोप
परिजनों को आशंका- अफताब अंसारी की दामोदर नदी में बहकर मौत
रामगढ़, झारखंड से मुकेश सिंह की रिपोर्ट: रामगढ़ जिला के सबसे व्यस्त और चर्चित थाना परिसर में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब यौन शोषण मामले में पूछताछ के लिए बुलाए गए युवक अफताब अंसारी के लापता होने की खबर बाहर फैली। देखते ही देखते यह खबर शहर में आग की तरह फैल गई और कुछ ही घंटों में थाना परिसर के बाहर छह से सात सौ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। परिजनों ने थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और कहा, “हमारा बेटा थाने से ही गायब हुआ है, पुलिस को जवाब देना होगा।”
अफताब अंसारी आरसी रोड स्थित एक रेडिमेड कपड़ों की दुकान में कार्यरत था। कुछ दिन पूर्व एक महिला ने उस पर प्रेम संबंध के बहाने यौन शोषण का आरोप लगाया। आरोप लगते ही कुछ युवक दुकान में घुसे और अफताब की जमकर पिटाई की। इसके बाद अफताब को पुलिस पूछताछ के लिए थाने ले गई। लेकिन यहीं से शुरू होता है असली सवाल- थाने से कोई युवक आखिर कैसे भाग सकता है?
पुलिस का दावा है कि अफताब को औपचारिक रूप से हिरासत में नहीं लिया गया था। उसे सिरिस्ता में बैठाया गया था, न कि लॉकअप में। इसी का फायदा उठाकर वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया। पुलिस की माने तो अफताब थाने से निकलकर दामोदर नदी की ओर भागा और वहां से लापता हो गया। यही नहीं, इस पूरी घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें अफताब को भागते हुए देखा जा सकता है।
लेकिन परिजन इसे महज एक बहाना बता रहे हैं। उनका आरोप है कि या तो अफताब की हत्या कर दी गई है या फिर उसे गायब कर दिया गया है। परिजनों ने मांग की है कि जब तक अफताब का पता नहीं चलता, थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को सस्पेंड किया जाए और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
इस बीच कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजाद अनवर थाने पहुंचे और वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत में पुलिस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा:
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“रामगढ़ में कौन है जिसने इन खुद को कानून से ऊपर मानने वालों को छूट दे दी है? कौन सा संगठन है जो थाने के सामने से युवक को मारता है, उठाता है और पुलिस चुप रहती है? और जब थाने में लाया जाता है, तो युवक वहां से लापता हो जाता है! क्या पुलिस अब लोगों की सुरक्षा की गारंटी नहीं रह गई?” :-शहजाद अनवर
शहजाद अनवर ने सीधे तौर पर थाना प्रभारी पी.के सिंह की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहीं न कहीं पूरी घटना एक सोची समझी साजिश की तरह लगती है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि युवक की दामोदर नदी में गिरकर मौत हो सकती है, और पुलिस यह बात छिपा रही है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौरव गोस्वामी (IPS) ने सफाई में कहा:
“अफताब को पूछताछ के लिए लाया गया था। हिरासत में नहीं लिया गया था। वह सिरिस्ता में बैठा था और इसी दौरान मौका देखकर भाग निकला। उसकी तलाश की जा रही है और नदी में भी सर्च ऑपरेशन जारी है।” : – गौरव गोस्वामी
लेकिन यह सफाई किसी को भी संतुष्ट नहीं कर पाई है। थाना परिसर में मौजूद हर शख्स का यही सवाल था – अगर युवक थाने से सुरक्षित नहीं है, तो आम लोग खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करें? वहीं पूरे मामले पर भीड़ में चर्चा बना रहा कि भागने की दौरान अफताब अंसारी का दामोदर नदी में बहने से मौत हो गई है, जिसकी फिलहाल कोई पुष्टि नहीं है ।
घटना के बाद शहर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। सोशल मीडिया पर भी रामगढ़ पुलिस की कार्यशैली को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। अफताब की गुमशुदगी ने न सिर्फ रामगढ़ की पुलिस व्यवस्था पर, बल्कि पूरे झारखंड की विधि व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि इस प्रकरण में अफताब अंसारी की बरामदगी होती है या नहीं, और अगर वह नहीं मिलता तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी? थाने की निगरानी में लाया गया युवक अगर गायब हो जाता है, तो यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि संविधानिक असफलता का मामला बन जाता है।
मुनादी लाइव इस पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है।