पाकुड़ में मां की गोद से चोरी हुआ तीन माह का मासूम 48 घंटे में बरामद, हिरणपुर पुलिस ने रचा इतिहास

सीसीटीवी, सतर्कता और जन-सहयोग से पाकुड़ पुलिस ने लौटाई मां की ममता, शहरकोल से मिला बच्चा
पाकुड़, झारखंड | रिपोर्ट – सुमित भगत: झारखंड के पाकुड़ जिले के हिरणपुर थाना क्षेत्र में एक मां की ममता को झकझोर देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को भावुक कर दिया था। लेकिन पाकुड़ पुलिस ने अपने प्रोफेशनलिज़्म, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई से न केवल अपराध की दिशा में ठोस कदम उठाया, बल्कि 48 घंटे के भीतर एक मां को उसकी गोद का उजाला लौटा दिया।


यह घटना बुधवार दोपहर की है, जब बड़तल्ला निवासी अताउल्ला रहमान की पत्नी तंजीला बीबी अपने तीन माह के मासूम बेटे को लेकर अपने पिता के साथ दवा लेने हिरणपुर बाजार आई थीं। इलाज के बाद जब वे मोहनपुर स्थित रिश्तेदार के घर जाने के लिए टेम्पो में सवार हुईं, तभी एक अज्ञात महिला भी उसी टेम्पो में सवार हुई और बड़ी चालाकी से उनके गोद से बच्चा चुरा लिया।
मां की बेबसी और अजनबी की साजिश
तंजीला बीबी ने जब मोहनपुर मोड़ पर उतरने की कोशिश की, तो वह महिला उन्हें जबरन पाकुड़ शहर की ओर ले गई। डीसी मोड़ पहुंचने पर उसने एक और ऑटो बुलाकर तंजीला को वापस हिरणपुर थाना के सामने उतार दिया, लेकिन बच्चा लेकर वह महिला फरार हो गई। यह सब इतनी सफाई से हुआ कि एक क्षण के लिए किसी को कुछ समझ नहीं आया।
हिरणपुर थाना प्रभारी रंजन कुमार सिंह को जब यह सूचना मिली, तो उन्होंने तत्काल पूरे मामले की छानबीन और सघन जांच शुरू कर दी। सीसीटीवी फुटेज खंगालने से लेकर चश्मदीदों से पूछताछ, टेम्पो स्टैंड के रूट और नंबरों का विश्लेषण तक — हर संभव जांच प्रक्रिया अपनाई गई।
उम्मीद की किरण और पुलिस का फुर्तीला एक्शन
शुक्रवार की सुबह, जब अधिकांश लोग रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त थे, पाकुड़ शहर के शहरकोल मोहल्ले से एक अप्रत्याशित सूचना आई। अनुज मेडिकल के सामने वाले घर के गेट के पास एक नवजात शिशु को लावारिस अवस्था में देखा गया।

घर के मालिक ने दरवाजा खोलते ही बच्चे को देख फौरन बाल कल्याण समिति (CWC) को सूचित किया। सूचना मिलते ही हिरणपुर पुलिस और CWC की टीम मौके पर पहुंची और बच्चे की पुष्टि तंजीला बीबी के बेटे के रूप में हुई।

मां की गोद फिर से भरी, हर आंख हुई नम
जैसे ही बच्चे को मां की गोद में सौंपा गया, तंजीला बीबी फूट-फूटकर रो पड़ीं। एक मां के उस भावनात्मक विस्फोट ने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों को नम कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भी इस दृश्य से अछूते नहीं रहे।
थाना प्रभारी रंजन कुमार सिंह ने बताया —
“हमारी पहली प्राथमिकता बच्चे की सुरक्षा थी। हमने मामले को बेहद गंभीरता से लिया और हर संसाधन का उपयोग कर, पूरे जिले में अलर्ट किया। हमारी टीम ने दिन-रात एक कर बच्चे को सुरक्षित वापस लाने में सफलता पाई है।”
जांच जारी, जल्द होंगी गिरफ्तारियां
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि बच्चा किसके द्वारा और क्यों छोड़ा गया, लेकिन पुलिस का मानना है कि जनदबाव और सक्रियता के कारण आरोपी महिला ने बच्चा छोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि घटना में संलिप्त लोगों को चिन्हित कर लिया गया है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जनसहयोग और तकनीक बना ताकत
यह मामला सिर्फ पुलिस की सफलता नहीं, बल्कि जनता और पुलिस के तालमेल की मिसाल भी बन गया है। सीसीटीवी फुटेज, क्षेत्रीय पूछताछ, सोशल मीडिया पर जागरूकता और त्वरित सूचना साझाकरण — इन सभी ने इस मिशन को सफल बनाया।
आज जब अक्सर पुलिस पर प्रश्न उठते हैं, हिरणपुर थाना की टीम ने साबित कर दिया कि जब संवेदनशीलता, दक्षता और इच्छाशक्ति साथ हो, तो कोई भी असंभव कार्य संभव हो जाता है। यह घटना ना केवल एक मां के जीवन का सबसे सुखद क्षण बन गई, बल्कि झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर भी जनता का भरोसा और मजबूत हुआ।
मुनादी लाइव इस घटना की आगामी जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी से संबंधित हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा।
बने रहिए हमारे साथ।