आजसू पार्टी को झटका! महानगर संगठन सचिव अमित वर्मा ने दिया इस्तीफ़ा, जल्द थामेंगे झामुमो का दामन

अमित वर्मा इस्तीफा

रांची: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। आजसू पार्टी के रांची महानगर संगठन सचिव अमित वर्मा ने अचानक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफ़ा देकर सियासी गलियारों में चर्चा को जन्म दे दिया है। उनके इस फैसले को आजसू पार्टी के लिए एक बड़ा झटका और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लिए रणनीतिक लाभ माना जा रहा है।

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विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, अमित वर्मा जल्द ही अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो सकते हैं।

मंत्री योगेंद्र प्रसाद से मुलाकात के बाद बढ़ी अटकलें
इस इस्तीफ़े से कुछ ही घंटे पहले अमित वर्मा को झारखंड सरकार के मंत्री योगेंद्र प्रसाद के सरकारी आवास पर देखा गया था। दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत चली। इसके बाद जब मीडिया ने इस मुलाकात का कारण पूछा तो अमित वर्मा ने स्पष्ट टिप्पणी से बचते हुए सिर्फ मुस्कुरा दिया। लेकिन अब जब उनका इस्तीफ़ा सामने आया है, तो ये साफ़ होता दिख रहा है कि यह मुलाकात एक रणनीतिक राजनीतिक बदलाव का हिस्सा थी।

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इस्तीफ़ा देकर दिया आजसू की कार्यशैली पर इशारा
अपने इस्तीफ़े में अमित वर्मा ने कहा है कि,

“मैं पार्टी में लंबे समय तक संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाता रहा, लेकिन अब समय आ गया है कि मैं उन सिद्धांतों के साथ चलूं जो समाज के अंतिम व्यक्ति की बात करते हैं। मैं आजसू पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।”

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इस कथन से यह संकेत मिल रहा है कि वे आजसू की वर्तमान कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे और झामुमो की नीतियों को अधिक जनोन्मुखी और व्यावहारिक मानते हैं।

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अमित वर्मा: एक उभरते हुए युवा नेता का प्रभाव
अमित वर्मा को रांची महानगर में आजसू पार्टी का युवा चेहरा माना जाता था। उनकी छवि एक सक्रिय और ज़मीनी नेता की रही है, जिन्होंने संगठन स्तर पर युवाओं को जोड़ने और वार्ड स्तर तक पार्टी को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर अमित वर्मा वाकई झामुमो में शामिल होते हैं तो इसका असर रांची शहरी क्षेत्र में आजसू के वोट बैंक पर सीधा पड़ेगा।

झामुमो को मिलेगा लाभ?
अमित वर्मा जैसे संगठनात्मक अनुभव वाले नेता की घर वापसी से झामुमो को शहरी क्षेत्रों में लाभ हो सकता है, खासकर तब जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पार्टी 2024 की तैयारी में जुटी हुई है।

झामुमो के एक सीनियर नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि,

“अमित वर्मा जैसे ऊर्जावान नेता का स्वागत हमारे संगठन में खुले दिल से किया जाएगा। वे ज़मीन से जुड़े हैं और सामाजिक न्याय के सवालों को मुखरता से उठाते रहे हैं।”

आजसू में हलचल, कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
अभी तक आजसू पार्टी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन अंदरखाने की खबरें बता रही हैं कि संगठन के कुछ अन्य युवा पदाधिकारी भी अमित वर्मा के संपर्क में हैं और वे भी अपनी राह बदल सकते हैं।

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