एयर इंडिया फ्लाइट 171 क्रैश रिपोर्ट: उड़ते ही बंद हो गए दोनों इंजन, पायलट ने पूछा- “क्यों कट किया ईंधन?”

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रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा: टेकऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन बंद, समय और ऊंचाई की कमी से विमान गिरा

नई दिल्ली/अहमदाबाद, 12 जुलाई 2025: देश की अब तक की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक एयर इंडिया फ्लाइट AI171 की क्रैश रिपोर्ट ने विमानन क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। दुर्घटना के एक महीने बाद, शनिवार आधी रात के बाद एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गंभीर तकनीकी और मानवीय चूक की ओर इशारा किया गया है। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी।

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सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि विमान के टेकऑफ करते ही उसके दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में दर्ज संवाद में एक पायलट दूसरे से पूछता है – “तुमने फ्यूल क्यों कट किया?” जवाब आता है – “मैंने ऐसा नहीं किया।” यह संवाद ही पूरे हादसे की भयावहता और तकनीकी रहस्यों को उजागर करने के लिए काफी है।

टेकऑफ के बाद फ्यूल कटऑफ और इंजन फेल
रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने रनवे से उड़ान भरते ही 180 नॉट्स की रफ्तार हासिल की। उसी दौरान दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच “RUN” से “CUTOFF” में ट्रांजिशन कर गए, वो भी महज 1 सेकंड के अंतराल में। कुछ ही सेकंड में क्रू ने इंजन-1 और फिर इंजन-2 का फ्यूल स्विच वापस “RUN” पर कर दिया। दोनों इंजनों को दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन विमान की ऊंचाई और समय इतना कम था कि क्रैश टालना संभव नहीं हो सका।

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क्या कहती है तकनीकी रिपोर्ट?
AAIB की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि रैम एयर टरबाइन (RAT) का खुलना इस बात का संकेत था कि विमान एक आपातकालीन स्थिति में प्रवेश कर चुका था। लैंडिंग गियर “डाउन” स्थिति में पाया गया, फ्लैप हैंडल टेकऑफ की 5-डिग्री स्थिति में था और थ्रस्ट लीवर अंतिम क्षण तक फॉरवर्ड पोजिशन में ही थे। मौसम सामान्य था और पक्षियों से टकराने की कोई पुष्टि नहीं हुई।

ईंधन के सैंपल, जो एयरपोर्ट के बाउजर्स से लिए गए थे, जांच में संतोषजनक पाए गए। हालांकि, दुर्घटनाग्रस्त विमान से बेहद कम मात्रा में ईंधन बरामद हुआ है जिसकी जांच जारी है।

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एयर इंडिया का आधिकारिक बयान
एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि वह इस भयावह दुर्घटना में मारे गए यात्रियों और उनके परिजनों के साथ गहरी संवेदना प्रकट करती है। कंपनी ने कहा कि वह जांच एजेंसी AAIB के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है और फ्लाइट AI171 की प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। एयर इंडिया ने यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, वह किसी तकनीकी पहलू पर टिप्पणी नहीं करेगी।

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FAA की एडवाइजरी और भारतीय संदर्भ
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी FAA ने 2018 में बोइंग 737 विमानों में फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी। यह बोइंग 787-8 पर भी लागू हो सकता था, लेकिन एयर इंडिया ने इस पर कोई सक्रिय निरीक्षण या बदलाव नहीं किया। रिपोर्ट में यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या एयरलाइन ने अपने सिस्टम की समय पर ऑडिट की थी या नहीं।

मेंटनेंस और रिकॉर्ड
थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला गया था लेकिन फ्यूल स्विच से जुड़ी कोई शिकायत या मरम्मत का रिकॉर्ड सामने नहीं आया है।

जांच टीम में कौन-कौन हैं?
जांच का नेतृत्व AAIB चीफ जीवीजी युगंधर कर रहे हैं। टीम में अनुभवी पायलट, एविएशन इंजीनियर, एविएशन साइकोलॉजिस्ट, फ्लाइट रिकॉर्डर एक्सपर्ट और मेडिसिन विशेषज्ञ शामिल हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एकमात्र जीवित बचे यात्री के बयान का विश्लेषण किया जा रहा है।

आगे की कार्रवाई
एएआईबी ने कहा है कि दोनों इंजनों को मलबे वाली जगह से निकालकर सुरक्षित हैंगर में रखा गया है। दुर्घटना स्थल की ड्रोन से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पूरी कर ली गई है और मलबे को एकत्र कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है।

दुर्घटना की वजह अबतक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन फ्यूल स्विच की असामान्य हरकत और दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना विमान की डिजाइन या मानवीय भूल की तरफ इशारा करता है। यह रिपोर्ट भविष्य की विमान सुरक्षा नीतियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

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