भुरकुंडा में शुरू हुआ श्रावणी मेला 2025: पारंपरिक संस्कृति, उत्सव और मनोरंजन का अद्भुत संगम

मुख्य अतिथि संजीव बेदिया और प्रशासनिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से किया मेले का उद्घाटन, झूले, क्राफ्ट बाजार और रंगारंग कार्यक्रमों ने बढ़ाया उत्साह
रामगढ़, झारखंड: भुरकुंडा थाना मैदान एक बार फिर से उल्लास और उमंग का केंद्र बन गया है। वर्ष 2025 के श्रावणी मेले का भव्य आयोजन शनिवार को मुख्य अतिथि झामुमो हजारीबाग जिला अध्यक्ष श्री संजीव बेदिया, विशिष्ट अतिथि एसआई कुणाल कुमार, एसआई अभिनाश कुमार एवं रामगढ़ जिला सांसद प्रतिनिधि राजीव जयसवाल की उपस्थिति में हुआ।

मेले का उद्घाटन समारोह स्थानीय लोगों के बीच भारी उत्साह का कारण बना। जैसे ही मंच से फिता काटा गया, पूरे मैदान में तालियों की गूंज सुनाई दी और बच्चों के चेहरे खिल उठे। कार्यक्रम का संचालन मुकेश राउत ने सधी हुई शैली में किया।

मुख्य अतिथि संजीव बेदिया ने अपने संबोधन में कहा कि “श्रावणी मेला सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि यह हमारी ग्रामीण संस्कृति और आपसी मेलजोल का प्रतीक है।” उन्होंने बताया कि यह आयोजन कोयलांचल और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक सामाजिक उत्सव की तरह है, जहां बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग समान रूप से भाग लेते हैं।
मेले में विभिन्न प्रकार के झूले – जैसे तारा माची, ब्रेक डांस, नौका झूला, पानी वोट और क्राफ्ट बाजार – लगाए गए हैं, जो खासकर बच्चों और युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। महिलाएं पारंपरिक शृंगार और खरीदारी में व्यस्त नजर आईं तो पुरुषों में खान-पान और खेल गतिविधियों को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला।
मेले में इस बार स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिला, जहां उन्होंने लोक गीत, नृत्य और पारंपरिक वाद्ययंत्रों के माध्यम से लोगों का दिल जीत लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। शाम होते ही मैदान रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा।

इस आयोजन की खास बात यह रही कि इसमें सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक विविधता की स्पष्ट झलक देखने को मिली। रक्षाबंधन और श्रावण मास की पवित्रता से जुड़ा यह मेला लोगों को करीब लाने और पारिवारिक भावना को मजबूत करने का मंच बनता जा रहा है।


इस मौके पर बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे जिनमें चमन लाल, विनय सिंह, श्रीनिवास, जगतार सिंह, बबलू ठाकुर, मंसूर खान, सागर कुमार, राजेश सोनी, रोशन पासवान, रामदास बेदिया, झड़ी मुंडा, संतोष मांझी, विजय गोस्वामी, उदय सोनी, डी के पंडित, अशोक राय, बीरेंद्र यादव, किरण तिवारी, सुनीता देवी, शिवनन्दन दास, उमेश गुप्ता, संदीप गुप्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

इस आयोजन को लेकर कोवाली थाना और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती, मेडिकल टीम की व्यवस्था, साफ-सफाई और पेयजल की सुविधा भी सुनिश्चित की गई थी।
श्रावणी मेला सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि यह एक संस्कृति की पुनर्पुष्टि है। भुरकुंडा में आयोजित यह मेला न केवल सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करता है, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार, हस्तशिल्प और कला को भी बढ़ावा देता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी यह आयोजन लोगों के दिलों में एक मीठी याद के रूप में दर्ज हो रहा है।
रिपोर्ट : मुकेश सिंह, रामगढ़