हाइवा ने बाइक को मारी जोरदार टक्कर, रंजित मुर्मू की मौके पर मौत, कोयला कंपनी पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

कोल माइंस इलाके में लापरवाही से दौड़ते हाइवा बन रहे जानलेवा, मुआवजे की मांग को लेकर उग्र हुए लोग
पाकुड़ से सुमित भगत की रिपोर्ट | मुनादी लाइव: पाकुड़ ज़िले के महेशपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 35 वर्षीय रंजित मुर्मू की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब रंजित अपनी बाइक से अपने ससुराल जब्दी खरियोपाड़ा गांव जा रहा था। पोखरिया के पास पाकुड़-अमड़ापाड़ा कोल माइंस रोड पर कोयला खाली कर लौट रहे एक तेज रफ्तार हाइवा ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर के बाद बाइक को करीब 30 फीट तक घसीटा गया, और रंजित मुर्मू हाइवा के पहिए में फंसकर मौके पर ही दम तोड़ बैठे। मृतक का संबंध पचाईबेड़ा गांव से बताया गया है।
हादसे के बाद बवाल, ग्रामीणों ने किया विरोध
घटना की खबर फैलते ही स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। गुस्साए लोगों ने हाइवा में तोड़फोड़ की, और कई अन्य वाहनों की बैटरी, हेडलाइट और अन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचाया। सड़क पर लगे जाम और तोड़फोड़ के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूचना पाकर महेशपुर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हाइवा को जब्त कर लिया गया है, जबकि हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया।
“तेज रफ्तार, खराब सड़कें – जानलेवा बन गया कोयला परिवहन”
ग्रामीणों ने बताया कि कोयला कंपनी की लापरवाही और हाइवा चालकों की मनमानी के चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। बरसात के मौसम में सड़कें बेहद जर्जर हो चुकी हैं, और ऐसे में तेज रफ्तार भारी वाहनों की आवाजाही लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।

स्थानीय लोगों ने कोयला कंपनी पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया है और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कोयला ढुलाई के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और तेज रफ्तार हाइवा पर तत्काल रोक लगे।

पुलिस का बयान और कार्रवाई
महेशपुर थाना पुलिस ने कहा है कि इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की जा रही है और फरार चालक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने हाइवा को कब्जे में ले लिया है और घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।
न्याय और मुआवजे की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि कोल माइंस क्षेत्र में हाइवा और भारी वाहनों की बेलगाम आवाजाही पर रोक लगाने की जरूरत है। साथ ही, रंजित मुर्मू के परिजनों को कम से कम 10 लाख रुपये मुआवजा, एक परिजन को नौकरी और अन्य राहत दी जाए।
इस हादसे ने एक बार फिर झारखंड के खनन क्षेत्रों में सुरक्षा और सड़क व्यवस्था की पोल खोल दी है। जब तक कंपनियां और प्रशासन सख्त रुख नहीं अपनाते, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।
ऐसी ही जनसंवेदनशील खबरों के लिए जुड़े रहें Munadi Live के साथ। शेयर करें और अपडेट्स के लिए वेबसाइट सब्सक्राइब करें।