उरीमारी जरजरा जंगल में CCL कर्मी का शव मिलने से मचा हड़कंप, पुलिस जांच में जुटी

रामगढ़: झारखंड के रामगढ़ जिले और हजारीबाग सीमा पर स्थित उरीमारी क्षेत्र के जरजरा जंगल में मंगलवार सुबह एक सीसीएल (CCL) कर्मचारी का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। शव की पहचान सुखदेव मांझी के रूप में की गई है, जो पोटंगा बरटोला के रहने वाले थे और बिरसा प्रोजेक्ट में कार्यरत थे।

इस खबर के फैलते ही पूरे क्षेत्र में भय और आशंका का माहौल बन गया। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच प्रक्रिया शुरू की गई।
कौन थे सुखदेव मांझी?
सुखदेव मांझी, पिता मोटरा मांझी, मूलतः पोटंगा बरटोला गांव के निवासी थे और सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के बिरसा प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। परिजनों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहे थे।
सोमवार शाम वे अपने घर से बाहर निकले लेकिन रात तक वापस नहीं लौटे। परिजनों ने आसपास के इलाके में काफी खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
कैसे हुआ खुलासा?
मंगलवार सुबह जरजरा जंगल में कुछ स्थानीय ग्रामीणों को एक शव दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने उरीमारी थाना को तुरंत सूचना दी। थाना प्रभारी रथू उरांव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच के बाद शव की पहचान सुखदेव मांझी के रूप में की गई।

मौके पर पुलिस की टीम ने घटनास्थल की घेराबंदी कर साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू की। शव की स्थिति को देखकर यह कहना मुश्किल था कि यह हत्या है, आत्महत्या या आकस्मिक मौत।

मौत की वजह अब तक साफ नहीं
फिलहाल मौत के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद ही सही निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।
थाना प्रभारी रथू उरांव ने मीडिया को बताया:
“फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मृतक कुछ समय से मानसिक रूप से तनाव में था, लेकिन हम सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं।”
मौके से क्या मिला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल से कोई हथियार, जहरीला पदार्थ या सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। न ही शरीर पर किसी स्पष्ट चोट या संघर्ष के निशान थे। हालांकि, जांच टीम ने घटनास्थल की बारीकी से फोटोग्राफी की है और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
शव की शिनाख्त के बाद जब सुखदेव मांझी के परिजनों को जानकारी दी गई, तो घर में कोहराम मच गया। परिजन अभी तक यह मानने को तैयार नहीं हैं कि सुखदेव अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके अनुसार, सुखदेव मेहनती और जिम्मेदार व्यक्ति थे और परिवार की जिम्मेदारी को लेकर चिंतित रहते थे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद पूरे पोटंगा गांव और उरीमारी क्षेत्र में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि
“अगर यह आत्महत्या है तो मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। और यदि हत्या है, तो दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।”
पुलिस की कार्रवाई और आगे की दिशा
रांची और हजारीबाग सीमा पर होने की वजह से सीसीएल के सुरक्षा अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय थाना पुलिस, और रामगढ़ जिला प्रशासन भी इस मामले में सक्रिय हो गया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि
“जांच में हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है — चाहे वह पारिवारिक तनाव हो, कार्यस्थल की समस्या हो या बाहरी साजिश। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अगली कार्रवाई तय की जाएगी।”
Munadi Live की अपील
यदि आप मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहे हैं, तो नजदीकी मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। चुप्पी नहीं, बातचीत करें। जीवन अनमोल है।
रिपोर्ट: मुकेश सिंह, रामगढ़ ब्यूरो