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15 साल से बंद पड़ी सेंट्रल सौंदा अस्पताल के पुनरुद्धार की उठी तेज मांग, 25 हजार की आबादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित

रामगढ़, झारखंड से मुकेश सिंह की रिपोर्ट : क्या किसी इलाके की 25 हज़ार आबादी स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह कट सकती है? क्या सरकारी तंत्र इतने सालों तक एक अस्पताल को बंद रख सकता है? रामगढ़ जिले के सेंट्रल सौंदा की यही असलियत है, जहां 15 साल से बंद पड़ा एक CCL अस्पताल आज भी मलबे और ताले में जकड़ा हुआ है, और इलाके के लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं।

बता दे की रामगढ़ जिले के बरकासयाल क्षेत्र अंतर्गत सेंट्रल सौंदा गांव में स्थित CCL का अस्पताल पिछले 15 वर्षों से बंद पड़ा है, और इस कारण पांच पंचायतों की लगभग 25,000 की आबादी लगातार स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है। इस अस्पताल के बंद होने के कारण इलाके में कोई भी प्राथमिक या आपात चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है।
गांव की महिलाएं प्रसव के लिए 30 से 40 किलोमीटर दूर रामगढ़ या रांची जाती हैं, तो वहीं मामूली बुखार, चोट या सर्पदंश जैसी स्थिति में भी समय पर इलाज नहीं मिल पाने से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अब इस अस्पताल को चालू कराने के लिए लामबंदी शुरू कर दी है। शनिवार को स्थानीय ग्रामीणों के साथ हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल के प्रतिनिधि ने अस्पताल का निरीक्षण किया और बंद पड़े भवन को देखा। ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं और साफ कहा कि अब बर्दाश्त की सीमा खत्म हो चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हम इलाज के लिए भटकते हैं, हमारे पास पैसा नहीं है, लेकिन सरकार ने अस्पताल को ऐसे बंद कर रखा है जैसे इंसानों की कोई कीमत नहीं।

ग्रामीणों का आरोप है कि CCL द्वारा क्षेत्र में स्थापित अस्पताल को जानबूझकर बंद किया गया। पहले तो डॉक्टर और स्टाफ नहीं दिया गया, फिर धीरे-धीरे अस्पताल को जर्जर होने दिया गया,” – यह स्थानीय बुजुर्गों की व्यथा है। हालांकि CCL प्रबंधन का पक्ष इस मामले पर फिलहाल सामने नहीं आया है।

गौरतलब है की पूरे सेंट्रल सौंदा और आसपास के गांवों – धर्मगढ़ा, भुरकुंडा, बेंगारी, उरबा और सौंदा पंचायत – में एक भी स्थायी स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है। ग्रामीण किसी भी तरह की बीमारी में झोलाछाप डॉक्टर या मेडिकल स्टोर पर निर्भर हैं। न तो कोई स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता है, और न ही किसी एंबुलेंस की सुविधा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले महीनों में सेंट्रल सौंदा अस्पताल को चालू करने की पहल नहीं हुई, तो वे CCL कार्यालय और जिला प्रशासन का घेराव करेंगे। ग्रामीणों ने सांसद मनीष जायसवाल से लोकसभा स्तर पर इस मुद्दे को उठाने की अपील की है।
मुनादी लाइव अपील करता है कि जिला प्रशासन, CCL और झारखंड सरकार इस गंभीर स्वास्थ्य संकट पर तत्काल संज्ञान लें और 25,000 ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएं।
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