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झारखंड कैबिनेट बैठक: विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन समेत 67 प्रस्तावों को मंजूरी
झारखंड कैबिनेट बैठक में 67 प्रस्तावों को मंजूरी, विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का होगा गठन
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में झारखंड मंत्रिपरिषद की अहम बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कुल 67 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनमें कई बड़े निर्णय शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस बैठक में विस्थापितों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन को मंजूरी दी। आयोग के गठन से उद्योगों, बांध परियोजनाओं और विकास योजनाओं से प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
शिबू सोरेन के मोरहाबादी आवास का नाम रूपी सोरेन के नाम पर
बैठक में सबसे भावुक प्रस्ताव यह रहा कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के जननायक शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास को उनकी पत्नी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन के नाम पर किया जाएगा। इसे कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई। सरकार का मानना है कि यह निर्णय राज्य के जननायक और उनके परिवार के योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है।
राज्य में तीन नई अकादमियों का गठन
सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने संगीत नाट्य अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इन अकादमियों के गठन से न केवल स्थानीय कलाकारों को मंच मिलेगा, बल्कि राज्य की समृद्ध संस्कृति को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद मिलेगी।
सड़क सुरक्षा नियमावली-2025 को स्वीकृति
सड़क हादसों को कम करने और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बैठक में झारखंड राज्य सड़क सुरक्षा नियमावली-2025 को मंजूरी मिली। इस नियमावली के तहत यातायात प्रबंधन को मजबूत किया जाएगा, सड़क सुरक्षा मानकों को लागू किया जाएगा और लोगों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
16वें वित्त आयोग की बैठकों पर खर्च को मंजूरी
कैबिनेट ने 16वें वित्त आयोग की बैठकों के आयोजन पर किए गए खर्च को भी स्वीकृति दी। आयोग की बैठकों से राज्य की वित्तीय स्थिति, केंद्र से प्राप्त हिस्सेदारी और विकास योजनाओं पर होने वाले व्यय को लेकर दिशा तय की जाएगी।
विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का महत्व
झारखंड में खनन और उद्योगों से लेकर बड़े बांधों और आधारभूत संरचना परियोजनाओं तक, लाखों लोग विस्थापन की समस्या से जूझ रहे हैं। अब तक कई बार विस्थापित परिवारों को मुआवजे और पुनर्वास से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। आयोग बनने से इन परिवारों की समस्याओं को सुनने और समाधान देने के लिए एक स्वतंत्र मंच उपलब्ध होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे विकास और जनहित के बीच संतुलन स्थापित होगा।
विपक्ष की निगाहें
कैबिनेट के इन फैसलों को लेकर विपक्ष भी नजर बनाए हुए है। खासतौर पर विस्थापन आयोग और अकादमियों के गठन को लेकर विपक्ष यह सवाल उठा सकता है कि क्या यह केवल चुनावी घोषणा है या वास्तव में जमीनी स्तर पर लागू होगा। वहीं, शिबू सोरेन आवास का नाम रूपी सोरेन के नाम पर करने को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज होने की संभावना है।
झारखंड सरकार का संदेश
सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि झारखंड सरकार जनहित और विकास के मुद्दों पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि विस्थापन आयोग राज्य की बड़ी जरूरत थी, और अब इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। साथ ही सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए अकादमी गठन और सड़क सुरक्षा नियमावली से लोगों को सीधे लाभ मिलेगा।
झारखंड कैबिनेट की यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक कही जा सकती है। एक ही दिन में 67 प्रस्तावों को मंजूरी देकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में प्रशासनिक और नीतिगत स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। विस्थापन आयोग, नई अकादमियों और सड़क सुरक्षा नियमावली जैसे फैसले न केवल तात्कालिक जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा भी तय करेंगे।