झारखंड हाईकोर्ट को मिला नया मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने ली शपथ

बिरसा मंडप में आयोजित गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री व हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की मौजूदगी रही
न्यायिक व्यवस्था में अपेक्षित सुधार की उम्मीद
रांची , ब्यूरो रिपोर्ट, मुनादी लाइव : झारखंड उच्च न्यायालय को आज अपना नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। माननीय न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में राजभवन स्थित बिरसा मंडप में शपथ ली। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें शपथ दिलाई और न्यायिक गरिमा को नई दिशा देने की कामना के साथ उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।

इस शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन पूरी शालीनता और संवैधानिक गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो, विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशगण, पूर्व न्यायाधीशगण, झारखंड प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारीगण, और वरिष्ठ अधिवक्तागण सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

शपथ के पूर्व पढ़ा गया नियुक्ति वारंट
समारोह की शुरुआत में राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने माननीय न्यायमूर्ति चौहान की मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्ति संबंधी राष्ट्रपति का वारंट पढ़कर सुनाया। इसके बाद राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी ने न्यायमूर्ति को शपथ लेने हेतु आमंत्रित किया।
न्यायपालिका के लिए नए युग की शुरुआत
माननीय न्यायमूर्ति चौहान के शपथ ग्रहण के साथ ही झारखंड हाईकोर्ट को एक कुशल, अनुभवी और निष्पक्ष नेतृत्व मिला है। उनके न्यायिक करियर की गहराई और संवेदनशीलता को देखते हुए न्यायिक जगत में इस नियुक्ति को एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
हिमाचल से झारखंड तक: न्यायिक अनुभव का नया अध्याय
न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर झारखंड पहुंचे हैं। अपने पिछले कार्यकाल में वे कई बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने न्यायिक सेवा में अपने तीन दशकों से अधिक के करियर में अनेक महत्वपूर्ण फैसले और जनहित याचिकाओं पर ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं।


केंद्र सरकार का आदेश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर हुई नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर 14 जुलाई 2025 को भारत सरकार ने उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया था। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के 17वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।

न्यायिक व्यवस्था में गति, पारदर्शिता और जनविश्वास का नया अध्याय
जस्टिस चौहान के कार्यभार संभालने से झारखंड की न्यायिक प्रक्रिया में तेजी, पारदर्शिता और न्यायिक सुधारों की दिशा में नई उम्मीदें जगी हैं। राज्य के अधिवक्ता संघ और न्यायिक संगठनों का मानना है कि उनके नेतृत्व में न्यायपालिका को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।
उनकी न्यायिक पहचान: ईमानदारी, संवेदनशीलता और प्रशासनिक पकड़
जस्टिस चौहान को ईमानदार, संवेदनशील और प्रशासनिक रूप से सक्षम न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रहते हुए उन्होंने कई पर्यावरणीय मुद्दों, सामाजिक न्याय, पुलिस सुधार, और महिला अधिकारों से जुड़ी याचिकाओं पर प्रभावी निर्णय सुनाए हैं।

झारखंड में न्यायिक सुधारों की संभावना
झारखंड हाईकोर्ट लंबे समय से न्यायिक प्रक्रिया में मामलों की बढ़ती संख्या और न्यायिक पदों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। न्यायमूर्ति चौहान के आने से इन मुद्दों के समाधान और डिजिटल न्याय व्यवस्था, तेज सुनवाई, और जनसुलभ न्याय की दिशा में ठोस पहल की संभावना व्यक्त की जा रही है।
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान का झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में आगमन न्यायिक व्यवस्था के लिए एक नई ऊर्जा और दिशा लेकर आया है। उनका अनुभव और दृष्टिकोण राज्य की न्यायिक प्रणाली को सशक्त और समावेशी बनाने में मददगार होगा। अब न्यायपालिका और नागरिक समाज दोनों की निगाहें उनके नेतृत्व में होनेवाले बदलावों पर टिकी होंगी।