जलते अंगारों पर आस्था की परीक्षा, जमशेदपुर में मंगला पूजा की भक्ति में डूबीं महिलाएं

जमशेदपुर: जमशेदपुर में एक बार फिर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहाँ मंगला पूजा की भक्ति में डूबी सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं परंपराओं को जीवंत कर रही हैं। शहर के अलग-अलग इलाकों में मंगला पूजा की धूम है, और श्रद्धा से ओतप्रोत यह दृश्य हर किसी का मन मोह लेता है।

माना जाता है कि मंगला पूजा आदि काल से की जा रही है, जब समाज सूखा और महामारी जैसी आपदाओं से जूझ रहा था। उस समय लोगों ने माँ मंगला की शरण ली थी, और तभी से यह पूजा हर वर्ष पूरे विधि-विधान से की जाती है, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
पूजा की शुरुआत नदी तट से होती है, जहाँ व्रती महिलाएं कलश में जल भरकर घर तक पैदल यात्रा करती हैं। इसके बाद दो दिनों तक माँ मंगला की विधिवत पूजा की जाती है।

सबसे हैरान करने वाला दृश्य उस समय सामने आता है, जब भक्त जलते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं—बिना किसी भय और पीड़ा के। आश्चर्य की बात यह है कि इस अग्निपरीक्षा के बावजूद उनके पैरों में छाले तक नहीं पड़ते। यह दृश्य ‘भक्ति में शक्ति’ की कहावत को साकार करता है।
शहर भर में मंगला पूजा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। घर-घर भक्ति के गीत गूंज रहे हैं, और माँ मंगला की जय-जयकार से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।

जमशेदपुर में आस्था का यह अनोखा पर्व न सिर्फ परंपरा की याद दिलाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना में अद्भुत शक्ति होती है।